दिल्ली, सहारनपुर ,देहरादून राजमार्ग पर लगेंगे सौर संयंत्र, हरित ऊर्जा की दिशा में भारत का बड़ा कदम

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नई दिल्ली : देश में नवीकरणीय ऊर्जा और सतत विकास को गति देने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। सोलर एनर्जी कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के बीच सोमवार को एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते के तहत दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून राजमार्ग पर चरणबद्ध तरीके से सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए जाएंगे। यह परियोजना देश में हरित परिवहन प्रणाली को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। समझौते के पहले चरण में दिल्ली भाग के एलिवेटेड सेक्शन के आसपास सौर संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। यह संयंत्र राजमार्ग को स्वच्छ ऊर्जा से सुसज्जित करेंगे, जिससे पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता कम होगी और कार्बन उत्सर्जन में उल्लेखनीय कमी आएगी।

समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर समारोह में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि यह समझौता भारत सरकार की नवीकरणीय ऊर्जा और सतत विकास के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “यह साझेदारी राजमार्ग इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए एक नए युग की शुरुआत है, जहां ऊर्जा उत्पादन और परिवहन दोनों ही क्षेत्र पर्यावरण संरक्षण के साथ कदमताल करेंगे।”मल्होत्रा ने आगे बताया कि इस परियोजना से न केवल राजमार्गों की ऊर्जा जरूरतों की पूर्ति होगी बल्कि अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में जोड़ा जा सकेगा, जिससे आसपास के क्षेत्रों को भी स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध होगी। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में इस मॉडल को देश के अन्य राष्ट्रीय राजमार्गों पर भी लागू किया जाएगा।

सोलर एनर्जी कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड , जो कि नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के अधीन कार्यरत है, देशभर में सौर ऊर्जा परियोजनाओं के विकास में अग्रणी भूमिका निभा रही है। वहीं, देश के राजमार्ग नेटवर्क को विकसित करने के साथ-साथ पर्यावरणीय संतुलन और ऊर्जा दक्षता को भी अपनी प्राथमिकता में शामिल कर रहा है। इस परियोजना के तहत न केवल सौर संयंत्र लगाए जाएंगे, बल्कि राजमार्ग किनारे ऊर्जा भंडारण प्रणाली और स्मार्ट लाइटिंग व्यवस्था भी विकसित की जाएगी। यह सभी उपाय राजमार्ग संचालन को अधिक टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल बनाने में मदद करेंगे।

विशेषज्ञों के अनुसार, इस पहल से हर साल हजारों टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आएगी और राजमार्गों के रखरखाव की लागत भी घटेगी। साथ ही, यह परियोजना स्थानीय समुदायों को रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेगी। भारत सरकार पहले ही वर्ष 2070 तक नेट ज़ीरो उत्सर्जन का लक्ष्य निर्धारित कर चुकी है। ऐसे में यह पहल उस दिशा में एक ठोस और व्यावहारिक कदम है, जो ऊर्जा आत्मनिर्भरता और पर्यावरण संरक्षण दोनों को साधेगी।

निष्कर्ष रूप में, दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून राजमार्ग पर सौर ऊर्जा संयंत्रों की यह परियोजना न केवल देश के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास का नया अध्याय लिखेगी, बल्कि भारत को हरित और स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में तेजी से आगे बढ़ाने का भी कार्य करेगी।

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