काशी में छठ पूजा का विशेष महत्त्व, गंगा घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
उत्तर प्रदेश : काशी नगरी में छठ पूजा की तैयारियों ने शहर को एक उत्सवमय रंग में रंग दिया है। यहां की गलियों, बाजारों और खासकर गंगा घाटों की रौनक देखते ही बनती है। श्रद्धालुओं की भीड़ और सजावटी प्रकाशों ने पूरे शहर को आध्यात्मिक और सांस्कृतिक उत्सव का रूप दे दिया है।
छठ पूजा का काशी में विशेष महत्व है। यहां के द्वादश सूर्य मंदिरों में भगवान सूर्य की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है। श्रद्धालु मानते हैं कि गंगा और सूर्य दोनों का मिलन छठ पूजा को और भी पावन बनाता है। महिलाएं इस अवसर पर 36 घंटे का निर्जला व्रत करती हैं और सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करती हैं। घाटों पर पूजा के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं, जिसमें घाटों की सजावट, पूजा सामग्री, और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यवस्था शामिल है।
गंगा घाटों पर छठ पूजा के दौरान श्रद्धालुओं की विशाल भीड़ देखने को मिलती है। लोग सुबह और शाम दोनों समय सूर्य को अर्घ्य देते हैं। महिलाओं का व्रत और घाटों पर उनका भावपूर्ण अर्घ्य समाज और संस्कृति की जीवंतता का प्रतीक है। इस अवसर पर घाटों पर धार्मिक गीत, भजन और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं, जो छठ पूजा के महत्त्व को और बढ़ा देते हैं।स्थानीय प्रशासन ने इस अवसर पर सुरक्षा और सुविधाओं का विशेष इंतजाम किया है। श्रद्धालु बताते हैं कि काशी में छठ पूजा का अनुभव अत्यंत आध्यात्मिक और भावपूर्ण होता है। शहर की परंपराएं और धार्मिक आयोजन इसे और भी विशेष बनाते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि काशी में छठ पूजा का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यहां गंगा की पवित्रता और प्राचीन सूर्य मंदिर इसे अद्वितीय बनाते हैं। देशभर से लोग काशी आकर इस पावन पर्व में भाग लेते हैं और अपने परिवार की सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और खुशहाली की कामना करते हैं।
इस साल भी काशी में छठ पूजा ने अपने पारंपरिक स्वरूप के साथ आधुनिक रंगों और व्यवस्थाओं को मिलाकर शहरवासियों और श्रद्धालुओं के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव बना दिया है।
