चारधाम यात्रा 2025 का सफल समापन 58 लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन, देवभूमि में फिर गूंजी आस्था की गूंज

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देहरादून : उत्तराखंड की चारधाम यात्रा 2025 इस बार भी पूरे देश और विदेश से आए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के साथ सफलतापूर्वक संपन्न हुई। इस बार यात्रा में 58 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने भाग लिया, जो अब तक का एक नया रिकॉर्ड है। चारधाम यात्रा उत्तराखंड की सबसे पवित्र धार्मिक यात्राओं में से एक है। इसमें भक्त बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के दर्शन करते हैं। हर साल अप्रैल-मई से शुरू होकर नवंबर तक चलने वाली यह यात्रा न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से, बल्कि आर्थिक और पर्यटन की दृष्टि से भी राज्य के लिए बेहद अहम होती है।

इस साल यात्रा की शुरुआत अप्रैल के अंतिम सप्ताह में हुई थी। पहले ही दिन से हजारों श्रद्धालु चारधाम मार्गों पर उमड़ पड़े। पूरे छह महीनों में यात्रा लगातार जोश और श्रद्धा के माहौल में चलती रही। केदारनाथ धाम में इस बार 22 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे, बदरीनाथ धाम में 16 लाख, गंगोत्री में 11 लाख, और यमुनोत्री में करीब 9 लाख श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे।देश के कोने-कोने से लोग अपने परिवारों के साथ पहुंचे। गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान, बंगाल और दक्षिण भारत से बड़ी संख्या में श्रद्धालु देवभूमि पहुंचे। विदेशों से भी कई भक्तों ने चारधाम यात्रा में हिस्सा लिया।

राज्य सरकार और प्रशासन ने इस बार यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए पहले से ही तैयारी कर रखी थी। सभी चार धाम मार्गों पर मेडिकल कैंप, पुलिस पोस्ट, ड्रोन निगरानी और कंट्रोल रूम की व्यवस्था की गई थी। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम की वजह से भीड़ को नियंत्रित करना आसान हुआ। यात्रियों के ठहरने, भोजन और स्वास्थ्य सुविधाओं पर भी इस बार खास ध्यान दिया गया। आपात स्थिति में हेलीकॉप्टर रेस्क्यू टीम को भी तैयार रखा गया था।राज्य के स्वास्थ्य विभाग और एनडीआरएफ की टीमें पूरे सीजन में तैनात रहीं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा 2025 के सफल समापन पर सभी श्रद्धालुओं और प्रशासनिक कर्मचारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा, “चारधाम यात्रा उत्तराखंड की आस्था और सेवा भावना का प्रतीक है। लाखों श्रद्धालु यहां आए और सुरक्षित लौटे, यह हमारे प्रशासन और जनता दोनों की मेहनत का परिणाम है।” मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि अगले साल यात्रा को और बेहतर बनाने के लिए सड़कें चौड़ी की जाएंगी, ठहरने की सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी और स्मार्ट मॉनिटरिंग सिस्टम लागू किया जाएगा।

चारधाम यात्रा से इस बार उत्तराखंड को आर्थिक रूप से बड़ा लाभ हुआ। होटल, गेस्टहाउस, ट्रैवल एजेंसियां, टैक्सी सर्विस और छोटे व्यापारी सभी को अच्छा कारोबार मिला।यात्रा के दौरान राज्य के पर्यटन विभाग के अनुसार, करीब 4,000 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार हुआ। स्थानीय लोगों ने बताया कि इस बार श्रद्धालुओं की संख्या ज्यादा होने से छोटे-छोटे गांवों में भी रोज़गार के अवसर बढ़े हैं।

यात्रा के समापन के साथ अब चारों धामों के कपाट शीतकाल के लिए बंद किए जा रहे हैं।यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट पहले बंद होंगे, उसके बाद केदारनाथ और बदरीनाथ के कपाट पारंपरिक विधि-विधान से बंद किए जाएंगे।सर्दियों में इन धामों की पूजा गुप्तकाशी, जोशीमठ और मुखबा गांवों में होती है।

पूरी यात्रा के दौरान शांति और सौहार्द का माहौल बना रहा। कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ, जो प्रशासन की सतर्कता का परिणाम है। श्रद्धालु भाव-विभोर होकर अपने घर लौटे और कहा कि इस बार की यात्रा उनके जीवन की सबसे यादगार रही। चारधाम यात्रा 2025 ने एक बार फिर साबित कर दिया कि उत्तराखंड सिर्फ एक राज्य नहीं, बल्कि आस्था, संस्कृति और सेवा का प्रतीक है सच में देवभूमि उत्तराखंड।

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