दीवाली से पहले सुप्रीम कोर्ट का ऐलान: पटाखों पर नहीं लगेगा सख्त प्रतिबंध, बनेगा संतुलित नियम

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नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने दीवाली के पटाखों के उपयोग को लेकर महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। न्यायालय ने कहा कि पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाना व्यावहारिक नहीं है और इस मामले में संतुलित समाधान की आवश्यकता है। कोर्ट इस बात पर जोर दे रहा है कि नियम ऐसे होने चाहिए जो लागू करने योग्य हों और समाज की भावनाओं का सम्मान भी करें।

कोर्ट ने यह भी कहा कि हर साल दीवाली के अवसर पर पटाखों से उत्पन्न होने वाला ध्वनि और वायु प्रदूषण गंभीर चिंता का विषय है, लेकिन पूर्ण प्रतिबंध से लोगों की धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं पर भी असर पड़ सकता है। इसलिए न्यायालय संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की कोशिश कर रहा है।

सुप्रीम कोर्ट की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि आगे की सुनवाई में अंतिम फैसला ऐसे नियमों और दिशानिर्देशों के आधार पर लिया जाएगा, जो पर्यावरण संरक्षण और सार्वजनिक स्वास्थ्य के साथ-साथ त्योहार की सांस्कृतिक और धार्मिक महत्ता का ध्यान भी रखें। कोर्ट का उद्देश्य है कि दीवाली का त्यौहार शांति, सुरक्षा और पर्यावरण सुरक्षा के साथ मनाया जा सके।

विशेषज्ञों का मानना है कि कोर्ट का यह दृष्टिकोण व्यावहारिक है क्योंकि इससे न सिर्फ प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी, बल्कि समाज में व्याप्त धार्मिक और सांस्कृतिक संवेदनाओं को भी ठेस नहीं पहुंचेगी। यह संतुलन सरकार और नागरिकों दोनों के लिए महत्वपूर्ण संकेत है कि त्यौहार मनाने के तरीकों में समझदारी और जिम्मेदारी जरूरी है।

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि इस वर्ष दीवाली के समय पटाखों के उपयोग पर कोई कठोर और पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा। इसके बजाय, नियंत्रित और सीमित उपयोग को अनुमति देने के विकल्प पर विचार किया जा सकता है, जिससे प्रदूषण और शोर से निपटा जा सके और त्योहार की खुशी भी बनी रहे।

न्यायालय ने यह भी संकेत दिया कि भविष्य में अधिक सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल पटाखों के उपयोग को बढ़ावा दिया जा सकता है। इससे न सिर्फ लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि वायु और ध्वनि प्रदूषण को भी कम किया जा सकेगा।

सुप्रीम कोर्ट के इस बयान को समाज में संतुलित और जिम्मेदार त्योहार मनाने के दृष्टिकोण के रूप में देखा जा रहा है। न्यायालय की सुनवाई और अंतिम निर्णय का जनता को बेसब्री से इंतजार है, क्योंकि इससे तय होगा कि इस साल दीवाली पर पटाखों के उपयोग के लिए क्या दिशा-निर्देश लागू होंगे।

1.सुप्रीम कोर्ट ने कहा — पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध व्यावहारिक नहीं।

2.अदालत संतुलित और लागू करने योग्य नियमों की तलाश में है।

3.पर्यावरण सुरक्षा और धार्मिक भावनाओं — दोनों का रखा जाएगा ध्यान।

4. दीवाली शांति और जिम्मेदारी के साथ मनाने की अपील।

5. अगली सुनवाई में तय होगा पटाखों पर अंतिम दिशा-निर्देश।

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