एम्स ऋषिकेश में स्वच्छ भारत दिवस: गांधी जी को अर्पित की श्रद्धांजलि

ऋषिकेश: 3 अक्टूबर 2025:स्वच्छता ही सेवा राष्ट्रव्यापी अभियान के अंतर्गत एम्स ऋषिकेश में स्वच्छ भारत दिवस उत्साहपूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर संस्थान ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनकी जयंती पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया। कार्यक्रम का उद्देश्य स्वच्छ, स्वस्थ और बेहतर पर्यावरण के प्रति संस्थान की प्रतिबद्धता को दोहराना था।
कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थान की प्रभारी कार्यकारी निदेशक एवं डीन एकेडमिक प्रो. जया चतुर्वेदी ने किया। उन्होंने कहा कि स्वच्छता केवल एक प्रतीकात्मक आयोजन नहीं है, बल्कि यह हर व्यक्ति से स्वच्छ भारत में योगदान देने का आह्वान है। प्रो. चतुर्वेदी ने आगे कहा कि महात्मा गांधी का आत्मनिर्भर और स्वस्थ राष्ट्र का सपना तभी साकार हो सकता है जब स्वच्छता, स्थिरता और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी हमारी दैनिक जीवनशैली का हिस्सा बन जाए।

कार्यक्रम में फेकल्टी सदस्य, अधिकारी और स्टाफ ने परिसर के भीतर और बाहर क्षेत्रों में स्वच्छता बनाए रखने की शपथ ली। इस दौरान उन्हें महात्मा गांधी को पुष्पांजलि भी अर्पित की गई।
डीएमएस डॉ. पूजा भदौरिया ने बताया कि स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत लोगों को रचनात्मक रूप से जोड़ने के लिए संस्थान के मेडिकल छात्रों ने ओपीडी एरिया में मरीजों, तीमारदारों और कर्मचारियों के सामने स्वच्छता और जल संरक्षण पर नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया। नाटक में हाथों की सफाई बनाए रखने, अपशिष्ट पदार्थों का पृथक्करण करने और पानी के उचित उपयोग के बारे में जागरूकता दी गई।
साथ ही पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सफाई कर्मचारियों को जूट के थैले वितरित किए गए, ताकि प्लास्टिक के थैलों और अन्य वस्तुओं के उपयोग को कम किया जा सके। कार्यक्रम के दौरान पोस्टर और बैनर के माध्यम से स्वच्छता बनाए रखने, पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी और जल संरक्षण का संदेश भी साझा किया गया।
इस मौके पर सीटीवीएस विभाग के हेड डॉ. अंशुमान दरबारी, डॉ. पूजा भदौरिया, मुख्य नर्सिंग अधिकारी डॉ. अनीता रानी कंसल, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी डॉ. मुकेश पाल सहित अन्य फेकल्टी सदस्य, प्रशासनिक अधिकारी, नर्सिंग अधिकारी और मेडिकल के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
संस्थान ने इस अवसर पर यह संदेश दिया कि स्वच्छता केवल एक दिन का कार्य नहीं, बल्कि यह प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है। इस प्रकार के कार्यक्रम न केवल लोगों को जागरूक करते हैं बल्कि उन्हें व्यवहारिक रूप से पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता के प्रति सक्रिय बनाते हैं ।
