स्वामी प्रसाद मौर्य ने सरकार को घेरा: ‘लोकतंत्र और संविधान की अवहेलना करने वाली नीतियों पर हो विराम!


- यूपी : पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के बोल..सुल्तानपुर में दिए ये बयान..जानें..
- डबल इंजन की भाजपा सरकार प्रदेश और केंद्र में पूरी तरह से फ्लॉप : स्वामी प्रसाद मौर्य
- सरकार इतनी बेशर्म है कि ना तो उसको लोकतंत्र क़ी चिंता और न ही संविधान क़ी चिंता : स्वामी प्रसाद मौर्य
दीपांकुश चित्रांश क़ी रिपोर्ट…खबर उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले से है,जहां पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान सामने आया है. सुल्तानपुर पहुंचे पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या ने अपने बयान में कहा है कि आज डबल इंजन की भाजपा सरकार प्रदेश और केंद्र में पूरी तरह से फ्लॉप है पूरा प्रदेश जंगल राज बन गया है. एक ही जात विशेष के लोग खुल्लम-खुल्ला मुख्यमंत्री की मौजूदगी में बल्लम बड़सी भाला तलवार लेकर कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं. मुख्यमंत्री और उनकी सरकार गूंगी बहरी बनकर तमाशा देख रही है. कहीं कोई कार्यवाही नहीं,यही नहीं आज आए गए पिछड़े वर्गों, अनुसूचित जनजाति पिछड़ा वर्गों के नौजवानों की हत्या हो रही है. बहन बेटियों को बलात्कार का शिकार बनाया जाना आम बात हो गई है,इस प्रकार की घटना करने वाले अधिकतर लोग मुख्यमंत्री के बिरादरी के हैं,और मुख्यमंत्री उनपर इतने मेहरबान हैं कि इस प्रकार के अपराधियों पर कार्यवाही करने के लिए कभी सपने में भी नहीं सोचते हैं. जबकि किसी सामान्य व्यक्ति से कि कोई छोटी सी गलती हो जाती है तो उसके घर बुलडोजर चला जाता है.. उसके खिलाफ दर्जनों एफ आई आर दर्ज हो जाती है. ऐसा प्रतीत होता है कि आपराधिक घटना करने वालों को मुख्यमंत्री के यहां से कोई लाइसेंस मिला हुआ है. जो कानून की धज्जियां उड़ाने के बावजूद भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं और उनकी सारी गलतियां माफ हो जाती है. यही नहीं आज जिस तरीके से 27000 प्राथमिक विद्यालय बंद हुए यह सरकार की असफलता का जीता जागता उदाहरण है. दूसरी ओर ग्रामीण शिक्षा को भी खत्म करने की साजिश भी एक उदाहरण है जब से भाजपा सरकार आई है.
ये शिक्षा को महंगी कर दिए और ग्रामीण शिक्षा को खत्म कर रही है ऐसे में ना रहेगा बांस न बजेगी बांसुरी ना लोग पढ़ें लिखेंगे ना नौकरी की मांग करेंगे. इसलिए यह सरकार विशेष रूप से गांव किसान गरीब मजदूर के बेटा बेटियों की शिक्षा को पूरी तरीके से अघोषित रूप से प्रतिबंध कर रही है. वहीं उच्च शिक्षा को महंगी कर आम लोगों को उच्च शिक्षा से वंचित करने की साजिश चल रही है. दूसरी ओर आज जिस तरीके से उत्तर प्रदेश में जाति और धर्म के नाम पर नफरत और घृणा की राजनीति की जा रही है. हम समझते हैं की ना तो संविधान इसकी इजाजत देता है और ना लोकतंत्र में इसको उचित माना जाता है. लेकिन सरकार इतनी बेशर्म है की ना उसको लोकतंत्र की चिंता है और ना संविधान की चिंता है ना लोगों की चिंता है. यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है आज कहीं भी आप जाइए गरीबी महंगाई बेरोजगारी किसान समस्या आदि मुंह बाए खड़ी है… एक भी समस्या का निदान नहीं हुआ है. वही हाल में केंद्र सरकार का भी है 80 करोड़ लोग आज 5 किलो 10 किलो चावल पर अपनी जिंदगी बिता रहे हैं. और जो 80 करोड लोग 5 किलो 10 किलो चावल पर अपनी जिंदगी बिताएंगे. वह अपने बच्चों को विश्वविद्यालय में पढ़ने की कभी सपने में सोच भी नहीं पाएंगे. इस हिसाब से तो सरकार देश के लोगों को लाचार गरीब व बदहाल जिंदगियां जीने के लिए परिस्थितियों को पैदा करती है. जिससे 5 किलो 10 किलो चावल पर इनका जिंदाबाद भी होता रहे. उनकी कुर्सी पक्की रहे लोग मरते रहे लोग भूखे तड़पते रहे. उसकी चिंता नहीं यह केवल वोट की राजनीति करती हैं. इसलिए मैं कहना चाहता हूं राज्य सरकार और केंद्र सरकार सिर्फ लंबी-लंबी हाकती हैं और अगर रिजल्ट के रूप में देखा जाए तो इनका परफॉर्मेंस जीरो है. आप कहीं भी चले जाइए आज ग्रेजुएट पोस्ट ग्रेजुएट बीटेक एमटेक किए हुए छात्र कहीं चाय बेच रहे हैं. कहीं थ्री व्हीलर चला रहे हैं आज के नौजवानों की यह सोच होती जाली जा रही है कि जब नौकरी नहीं मिलनी है. तो पढ़ाई लिखाई करने से क्या फायदा इस तरीके की परिस्थितियों पैदा हो गई है. जो देश के भविष्य के लिए हम समझते हैं कि अपशगुन है हमारे देश की बहादुर बेटी कर्नल सूफ़िया और सेना पर सरकार के ही मंत्री द्वारा अभद्र टिप्पणी करना बहुत ही निंदनीय है. बहुत ही चिंता जनक है… जबकि हमारे देश की बहादुर बेटी सूफिया और सेना ने 24 घंटे के अंदर ही दुश्मन देश के छक्के छुड़ा दिए. उस पर इस प्रकार की अभद्र टिप्पणी करना हम समझते हैं कि सेना का मजाक बनाना और सेना का हौसला पस्त करना है.
