‘शिक्षक विद्यार्थी को जीवन के शिखर पर पहुंचाता है’: मुख्य शिक्षा अधिकारी ढौंडियाल

- शिक्षक वह मार्गदर्शक होता है जो अपने विद्यार्थी की गलतियों को क्षमा कर उसकी कमियों को दूर कर उसे जीवन के शिखर पर पहुंचाने का कार्य करता है : मुख्य शिक्षा अधिकारी बीके ढौंडियाल
- स्व परिवर्तन से विश्व परिवर्तन हमारा लक्ष है : राजयोगिनी आरती दीदी
ऋषिकेश :(मनोज रौतेला)ऋषिकेश-हरिद्वार रोड स्थित गीता नगर में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की ओर से शिक्षक दिवस के अवसर पर “स्वर्णिम भारत के निर्माण में शिक्षक की भूमिका” विषय पर रविवार को एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया.देहरादून जिला शिक्षा अधिकारी बीके ढौंडियाल, राजश्री चिल्ड्रन एकेडमी के निदेशक राजेंद्र कुमार पाण्डेय, केंद्र के मुख्य संचालिका राजयोगिनी आरती ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम का उद्घाटन किया. छात्रा प्रियंका ने शानदार गीत प्रस्तुत किया. ..गुरु बचनों को संभाल कर रखना…उसके बोल थे. छात्रा पावनी ने शानदार नृत्य प्रस्तुत कर अपनी प्रतिभाग सामने रखी.
ब्रह्माकुमारी आरती ने इस दौरान बताया कि शिक्षक समाज के निर्माण करता होते हैं और सबसे पहले आप अपने घर से सीखते हैं. आपके माता पिटा सबसे बड़े शिक्षक हैं. शिक्षक द्वारा दी गयी नैतिक मूल्यों से ही राष्ट्र का भविष्य आकार लेता है. देहरादून जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी बीके ढौंडियाल ने बताया कि शिक्षक वह मार्गदर्शक होता है जो अपने विद्यार्थी की गलतियों को क्षमा कर उसकी कमियों को दूर कर उसे जीवन के शिखर पर पहुंचाने का कार्य करता है. आज के समय को देखते हुए उन्होंने कहा समय का तकाजा है अभिभावक बच्चे को कहाँ ले जाता है ? क्या सिखाता है, कितना समय दे पाता है इत्यादि. बच्चे को संस्कार वान बनायें सबसे पहले. उन्हूने कहा अंग्रेजी माध्यम से ही पढ़ाई करनी है यह अभिभावकों के दिल दिमाग में घर कर गया है. जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए. आप अच्छे शिक्षक बनें तब आपको आत्मिक शांति मिलेगी. इसलिए अभिभावकों के लिए चिंतन का समय है. शिक्षाविद राजेंद्र प्रसाद पाण्डेय ने कहा, सर्वपल्ली राधा कृष्णन राष्ट्रपति बने थे लेकिन उनकी पहचान शिक्षक के तौर पर हुई. देश को बचाना है तो अपने देश के अन्दर तोड़ने वाली सोच वालों से सावधान रहना होगा.
कार्यक्रम में 25 से अधिक प्रधानाचार्य और शिक्षक व शिक्षिकाओं को संस्था की ओर से सम्मानित किया गया. इस दौरान शिक्षिका विनीता नौटियाल, सुषमा बंसल, सुनीता हरिद्वार से, रमेश चन्द्र, सीमा, अनिता दयाल, धन पाल सिंह रावत, शुभम कोतियल, मोहन राणाकोटी,कुल प्रसाद उनियाल,ज्ञान सिंह पुंडीर, रश्मि सोलंकी, अनामिका रतूड़ी, मीनाक्षी रावत, दिनेश पंवार नई टिहरी से, डा प्रीतम, नीलम ममगाईं को सम्मानित किया. इस दौरान पत्रकार राजीव खत्री ने भी आने संबोधन में कहा आज के समय में शिक्षकों पर काफी जिम्मेवारी आ गयी है. जैसे जैसे परिवार टूट रहे हैं बच्चा के संस्कार कम होते जा रहे हैं. वह अपनों को पहचान नहीं पा रहा है. इस अवसर पर पत्रकारों में राजेश शर्मा, राजीव खत्री और मनोज रौतेला को भी सम्मानित किया गया. कार्यक्रम का शानदार सञ्चालन प्रकाश चंद ने किया. इस अवसर पर राजयोगिनी और पूर्व शिक्षाविद दीदी निर्मला देवी, नवनीत भाई इत्यादि लोग मौजूद रहे.
