राजाजी में वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों का अध्ययन करने पहुँची बिहार से टीम
गुरूवार को राजाजी टाईगर रिज़र्व (आरटीआर) के चीला रेंज में बाल्मीकि टाइगर रिज़र्व (वीटीआर) के फील्ड कर्मियों के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का निदेशक राजाजी टाइगर रिजर्व डा. साकेत बडोला द्वारा उदघाटन किया गया ।
बिहार से आयी 15 फील्ड कर्मियों की टीम, जिसमें एक पशु चिकित्सक 2 बायोलॉजिस्ट तथा 13 वन आरक्षी शामिल हैं. राजाजी में वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों का अध्ययन करने पहुँची हैं।आरटीआर में वन्यजीव संरक्षण, वन्य जीवों के लिए कॉरिडोर प्रबंधन एवं वन्य जीव वास स्थल प्रबंधन के लिए कई नवीन प्रयोग सफलतापूर्वक किए जा रहे हैं। इसके साथ ही टाइगर रिजर्व के पश्चिमी भूभाग में टाइगर की जनसंख्या के सुढृणीकरण के लिए पिछले 3 वर्षों से टाइगर ट्रांसलेशन की प्रक्रिया गतिमान है।एनटीसीए से मान्यता प्राप्त कर राजाजी में 10 बाघों को कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से दो चरणों लाया जाना है। इस क्रम में पहले चरण के चार बाघों को राजाजी में ट्रांसलोकेट कर दिया गया है. इनकी मॉनिटरिंग के लिए एक टीम 24 घंटे समर्पित है. जिसमें राजाजी के फील्ड कर्मियों के साथ साथ डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के कार्मिक भी शामिल हैं।
हाथियों के गलियारों का भी सफलतापूर्वक प्रबंधन राजाजी में किया गया है।इन्ही सफल प्रयासों के चलते दूसरे राज्यों के टाइगर रिजर्व भी अब राजाजी टाइगर रिजर्व प्रबंधन से सीख लेना चाहते हैं. अतः अब इस तरह के प्रशिक्षण भी राजा जी टाइगर रिजर्व में आयोजित किए जा रहेहैं। प्रशिक्षण के पहले दिन जहां वाल्मीकि टाइगर रिजर्व की टीम को राजाजी के वन्यजीव प्रबंधन के बारे में विस्तार से बताया गया. वहीं वीटीआर की टीम ने वीटीआर में चलायेजा रहे ग्रासलैंड प्रबंधन के लिए अभिनव प्रयासों से अवगत कराया. जिसे भविष्य में राजाजी में भी प्रयोग किया जायेगा। इस प्रकार के प्रशिक्षणों से दोनों टाइगर रिजर्व में वन्यजीव संरक्षण के लिए हो रहे सफल प्रयासों का आदान प्रदान बढ़ेगा जो की वन्यजीव संरक्षण में एक नवीन तथा उत्साहवर्धक कदम है।इस अवसर पर राजाजी के निदेशक डॉ साकेत बडोला के साथ वन्यजीव प्रतिपालक हरीश नेगी, दो नवनियुक्त सहायक वनसंरक्षक अजय लिंगवाल तथा सरिता भट्ट, वन क्षेत्राधिकारी बीजेंद्र तिवारी, डिप्टी रेंजर रमेश कोठियाल, ब्ल्यूडब्ल्यूएफ की तरफ से डॉ आई पी बोपन्ना और विक्रम तोमर उपस्थित रहे।