श्रीकृष्ण कुंज में गूंजे मंगल गीत: भगवान वेणुगोपाल के विवाह संग ब्रह्मोत्सव का समापन


- ऋषिकेश में मायाकुंड में श्री कृष्ण कुञ्ज में भगवान के विवाह के साथ सम्पन्न हुआ ब्रह्मोत्सव
- देश विदेश से पहुंचे भक्त, लिया आशीर्वाद महाराजश्री का, अद्भुत रहा ब्रह्मोत्सव
- इस दौरान बरिष्ठ संतों ने भक्तों को दिए दर्शन, आशीर्वाद
- विवाह से पूर्व जब भगवान नगर भ्रमण पर निकला तो पूरा मार्ग जयघोषों से गुंजायमान हो गया
ऋषिकेश : मायाकुंड स्थित श्रीकृष्ण कुंज में चल रहें पंच दिवसीय ब्रह्मोत्सव का समापन भगवान वेणुगोपाल के विवाह के साथ हुआ। देश विदेश से पहुंचे हजारों श्रद्धालुओं ने ब्रह्मोत्सव में शामिल होकर परिवार की सुख समृद्धि की प्रार्थना की।आश्रम के परमाध्यक्ष जगद्गुरु स्वामी कृष्णाचार्य महाराज ने कहा कि ब्रह्म का अर्थ है वर्धन करना।भगवान के ब्रह्मोत्सव में शामिल होने से मनुष्य के व्यक्तित्व का वर्धन होता है।भगवान नित्य हैं पर भक्तों के प्रेम से भगवान अवतार लेते हैं और उसी अवतार काल में भगवान का विवाह होता है।उसी प्रकार अर्चा विग्रह भी भगवान का अवतार है। भक्त अपने भगवान के अर्चा विग्रह का विवाह करके अपनी मनोरथ पूरी करते हैं।उत्तराधिकारी स्वामी गोपालाचार्य महाराज ने कहा कि इस कार्यक्रम में हरिद्वार ऋषिकेश के वरिष्ठ संतों ने भक्तों को दर्शन दिए। विवाह से पूर्व जब भगवान नगर भ्रमण पर निकले तो पूरा मार्ग जयघोषों से गुंजायमान हो गया। हजारों की संख्या में श्रद्धालु वैवाहिक परिवेश में नजर आ रहे थे।
विधायक प्रेम चंद अग्रवाल ने कहा कि जगद्गुरु स्वामी कृष्णाचार्य जी महाराज के द्वारा लगाया गया कृष्ण कुंज रूपी वृक्ष पूरे विश्व में ऋषिकेश की कीर्ति का प्रसार कर रहा है। कार्यक्रम का संचालन महंत रवि प्रपन्नाचार्य महाराज ने किया।कार्यक्रम में भरत मंदिर के महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य, लक्ष्मण मंदिर के महंत जगदीश प्रपन्नाचार्य, महामंडलेश्वर हरिचेतनानंद महाराज, महंत ऋषिश्वरानंद,बाबा हठ योगी,स्वामी दामोदराचार्य, संजीव चौहान, संदीप गुप्ता आदि शमिल हुए.
