मानवता की मिसाल: रात के अंधेरे में सड़क किनारे पड़े मानसिक विक्षिप्त व्यक्ति को अंकुरण परिवार ने दिया नया जीवन
 
                घासीगंज वार्ड नंबर 15 से मानवता को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। सोमवार रात करीब 9 बजे श्री विश्वकर्मा मंदिर से रेलवे लाइन की ओर जाने वाली सड़क पर एक व्यक्ति मानसिक रूप से विक्षिप्त अवस्था में मरणासन्न हालात में पड़ा मिला। बरसात में कपड़े और चादर भीग जाने के कारण वह ठंड से कांप रहा था और चलने-फिरने में असमर्थ दिखाई दे रहा था।
इसकी सूचना एक नेकदिल स्थानीय व्यक्ति ने पत्रकार दीपांकुश चित्रांश को दी। जानकारी मिलते ही उन्होंने वरिष्ठ डॉ. आशुतोष श्रीवास्तव, मोहम्मद आरिफ खान और अंकुरण परिवार के सदस्य गौरव श्रीवास्तव के साथ मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला। जब युवक से नाम और पता पूछा गया तो पहले उसने घबराते हुए बताया कि उसे चाचा द्वारा सड़क पर छोड़ दिया गया है, फिर कहा कि ट्रेन से उतार दिया गया।
गहनता से पूछताछ करने पर युवक ने अपना नाम पंकज पुत्र लालचंद प्रसाद बताया और बताया कि उसका गांव पाण्डेय है।अंकुरण परिवार ने तुरंत भोजन, कपड़े और चादर की व्यवस्था कराई तथा स्थानीय लोगों की मदद से उसे सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया। परिवारजन ने आश्वासन दिया कि युवक को उसके अपनों से मिलाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।
 

 
                                         
                                        