साहित्य और संस्कृति का प्रसार: ‘साईं सृजन पटल’ ने रचा नया इतिहास, 13वां अंक लॉन्च

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डोईवाला: सृजनशीलता, संस्कृति और साहित्य की अलख जगाने वाला साईं सृजन पटल लगातार नए मुकाम हासिल कर रहा है। इसी कड़ी में मासिक पत्रिका के 13वें अंक का भव्य विमोचन सिरियों स्थित डिंडयाली होम स्टे एवं ध्यान व साधना केंद्र में बड़े हर्षोल्लास के साथ आयोजित किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अरविंद मोहन नैथानी ने पत्रिका के बढ़ते प्रभाव और महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि साईं सृजन पटल  ने साहित्य, संस्कृति और समाज में सकारात्मक चेतना का संचार किया है। उन्होंने कहा — आज के समय में इस तरह के मंच युवाओं और रचनाकारों को न केवल अवसर प्रदान कर रहे हैं, बल्कि समाज में संवेदनशीलता और सृजन की लौ भी प्रज्वलित कर रहे हैं। बहुत ही कम समय में साईं सृजन पटल ने साहित्य, संस्कृति और समाज के क्षेत्र में एक नई पहचान बनाई है। यह पत्रिका न केवल रचनाकारों को मंच देती है, बल्कि समाज में सकारात्मक सोच, नैतिक मूल्यों और नई पीढ़ी के विकास की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

पत्रिका के संस्थापक एवं संपादक प्रो. (डॉ.) के. एल. तलवाड़ ने कहा कि साईं सृजन पटल का उद्देश्य रचनात्मक प्रतिभाओं को एक ऐसा मंच देना है, जहाँ से वे अपनी अभिव्यक्ति समाज तक पहुँचा सकें। उन्होंने कहा — यह मंच साहित्य, कला, संस्कृति और शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहा है, और इसका श्रेय उन सभी सहयोगियों को जाता है जो इस यात्रा में लगातार जुड़े हुए हैं। एक वर्ष से अधिक समय तक लगातार प्रकाशन के बाद यह 13वां अंक इस विश्वास को मजबूत करता है कि सामूहिक प्रयासों से समाज में ज्ञान, साहित्य और संस्कृति की नई धारा प्रवाहित की जा सकती है।

पत्रिका के उपसंपादक अंकित तिवारी ने कहा कि साईं सृजन पटल की हर यात्रा नए उत्साह और ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा यह मंच न केवल लेखकों, बल्कि पाठकों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है। हमारी कोशिश है कि हर अंक समाज के विभिन्न पहलुओं को रचनात्मक दृष्टिकोण से प्रस्तुत करे। यह मंच हर आयु वर्ग के रचनाकारों के लिए खुला है। हमारी चाहत है कि समाज के कोने-कोने में छिपी प्रतिभाएं सामने आएं और अपनी सृजनात्मकता से समाज में सकारात्मक बदलाव लाएं। 13वां अंक हमारे सहयोगियों, पाठकों और मार्गदर्शकों के उत्साह व विश्वास का प्रतीक है।

इस अवसर पर पटल की नीलम तलवाड़, सहायक अध्यापक कौशिक तिवारी, हेमंत हुरला आदि उपस्थित रहे, जिन्होंने पत्रिका के निरंतर प्रकाशन पर प्रसन्नता व्यक्त की और साईं सृजन पटल की टीम को हार्दिक बधाई दी।

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