टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड में सतर्कता जागरूकता सप्ताह 2025 का शुभारंभ, पारदर्शिता और नैतिक शासन के प्रति दिखाई प्रतिबद्धता

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ऋषिकेश : विद्युत क्षेत्र के प्रमुख सार्वजनिक उपक्रम टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने अपने सभी कार्यालयों और परियोजना स्थलों पर 27 अक्टूबर से 02 नवंबर 2025 तक सतर्कता जागरूकता सप्ताह 2025 का आयोजन शुरू किया है। इस पहल के माध्यम से संगठन ने पारदर्शिता, ईमानदारी और नैतिक शासन के मूल सिद्धांतों को मजबूत करने की दिशा में एक और कदम बढ़ाया है।

इस अवसर पर, टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आर. के. विश्नोई ने सभी कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि “सतर्कता केवल एक विभागीय दायित्व नहीं, बल्कि हर कर्मचारी की साझा जिम्मेदारी है।” उन्होंने इस वर्ष के थीम “सतर्कता: हमारी साझा जिम्मेदारी” पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सुशासन की नींव सतर्कता और नैतिक आचरण पर टिकी होती है।

विश्नोई ने कहा कि किसी भी संगठन की सफलता का मूल मंत्र ईमानदारी, पारदर्शिता और जवाबदेही है। इन मूल्यों के बिना विश्वास कायम नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि जब कर्मचारी इन सिद्धांतों का पालन करते हैं, तो संगठन न केवल मजबूत होता है बल्कि समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी भी निभाता है। कार्यक्रम की शुरुआत टीएचडीसी के निदेशक सिपन कुमार गर्ग द्वारा कॉर्पोरेट कार्यालय, ऋषिकेश में सभी कर्मचारियों को सतर्कता की शपथ दिलाने से हुई। इस दौरान गर्ग ने कहा कि “जब हर कर्मचारी अपने काम में सतर्क और ईमानदार रहता है, तो पूरा संगठन सुदृढ़ बनता है और पारदर्शिता की भावना स्वतः विकसित होती है।”

सतर्कता के महत्व पर बल देते हुए, मुख्य सतर्कता अधिकारी रश्मिता झा ने अपने संदेश में कहा कि सतर्कता केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि यह हमारी संगठनात्मक संस्कृति का मूल तत्व है। हमें इसे अपने कार्य जीवन का हिस्सा बनाना होगा ताकि ईमानदारी हमारी आदत और पारदर्शिता हमारी पहचान बन सके। इस अवसर पर सिपन कुमार गर्ग ने सतर्कता जागरूकता पुस्तिका 2025 का भी विमोचन किया, जिसमें नैतिक आचरण, पारदर्शिता और सुशासन को प्रोत्साहित करने वाले लेख और संदेश शामिल हैं। कार्यक्रम में डॉ. ए. एन. त्रिपाठी मुख्य महाप्रबंधक मानव संसाधन एवं प्रशासन तथा केन्द्रीय संचार और एस. के. आर्य उप मुख्य सतर्कता अधिकारी सहित वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने इस अवसर पर पुनः अपनी यह प्रतिबद्धता दोहराई कि वह भविष्य में भी अपने सभी परिचालनों में पारदर्शिता, जवाबदेही और नैतिक व्यवहार की संस्कृति को निरंतर बढ़ावा देता रहेगा, जिससे संगठन सुशासन और विश्वास का एक उदाहरण बन सके।

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