गंगा दशहरा: पूर्णानंद घाट पर महिलाओं ने की मां गंगा की भव्य आरती


- अमृतरूपी, मोक्षदायनी, पापनाशिनी मां गंगा का धरा अवतरण दिवस गंगा दशहरा पर की गई विशेष महिला गंगा आरती
- जय जय मां गंगा के नारों से गूंजा पूर्णानंद घाट
- सबका साथ हो, गंगा साफ हो के संकल्प के साथ पूर्णानंद घाट पर चल रही प्रति दिन महिला गंगा आरत
- विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती में पूर्णानंद घाट पर महाआरती का हुआ आयोजन
- ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट ने पूर्णानंद घाट में महिलाओं ने किया हवन पूजन
- महिलाओं ने गंगा दशहरा के पर्व पर जलाये मिट्टी के दीए
- महिलाओं ने गंगा दशहरा के पर्व पर दूध से अभिषेक भी किया
मुनि की रेती : गुरूवार को ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट, पूर्णानंद घाट में महिलाओं द्वारा की जा रही गंगा आरती में महिलाओं द्वारा अमृतरूपी, मोक्षदायनी, पापनाशिनी मां गंगा का धरा अवतरण दिवस गंगा दशहरा पर मां गंगा की पूजा अर्चना की गई। अमृतरूपी, मोक्षदायनी, पापनाशिनी मां गंगा का अवतरण दिवस गंगा दशहरा के पर्व पर गंगा के पावन तट पूर्णानंद घाट पर महिलाओं के लिए समान अवसर, अधिकार एवं उत्तम स्वास्थ्य की प्रार्थना की गई। पूर्णानंद घाट पर अमृतरूपी, मोक्षदायनी, पापनाशिनी मां गंगा का अवतरण दिवस गंगा दशहरा का पर्व हर्षाेल्लास से मनाया गया साथ ही पूर्णानंद घाट में महिलाओं ने गंगा दशहरा का पर्व पर जलाये मिट्टी के दीए, मां गंगा की महाआरती से पहले षोडशोपचार विधि से मां गंगा का विधिवत पूजन अर्चन हुआ। पूर्णानंद घाट पर मां गंगा को भोग लगाया गया इसके अलावा गंगा मैया को अक्षत, नैवेद्य, पुष्प, फल और लाल चुनरी अर्पित की। षोड्षोपचार विधि से पूजन अर्चन के साथ 11 लीटर दूध से मां गंगा का अभिषेक किया गया फिर महाआरती हुई जय जय मां गंगा के नारों से पूर्णानंद घाट गूँज उठा, देर शाम तक श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।

डॉ. ज्योति शर्मा ने कहा कि मां गंगा सहित अन्य गंगा की सहायक नदियों में लोग अपने-अपने घर की बासी पूजा सामग्री, कपड़े, भगवान की पुरानी तस्वीर भी डाल देते हैं। यह गंगा की पूजा है या उस पर अत्याचार ? वस्तुतः नदी की पूजा का अर्थ केवल घंटा बजाना नहीं, उसकी सफाई है। गंदगी मुक्त गंगा तट के लिए ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट, पूर्णानंद घाट पर जागरूकता अभियान चलाया गया। जल बचाओ, जीवन बचाओ का संदेश देकर गंगा किनारे की सफाई की गई । मुख्य रूप से ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट के अध्यक्ष हरिओम शर्मा ज्ञानी जी किशन गोपाल चितलंगी एडवोकेट, इंजीनियर जितेंद्र चितलंगी, इंजीनियर राखी चितलंगी, संतोष चितलंगी, आशा डंग, बंदना नेगी, गायत्री देवी, पूनम रावत प्रमिला, अंजना उनियालआदि ने गंगा आरती की।
