नारी रिपोर्ट उत्तराखंड की छवि धूमिल करने का प्रयास: कुसुम कंडवाल

महिला सुरक्षा पर राष्ट्रीय वार्षिक रिपोर्ट और इंडेक्स (NARI-2025) सर्वे को लेकर राज्य महिला आयोग ने सवाल उठाए हैं। आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने कहा कि देहरादून शहर हर दृष्टि से सुरक्षित है। उन्होंने इस रिपोर्ट को राज्य की छवि खराब करने की साजिश करार दिया।
जारी बयान में कंडवाल ने कहा कि हाल ही में महिला सुरक्षा पर राष्ट्रीय वार्षिक रिपोर्ट और इंडेक्स (NARI-2025) जारी हुआ था, जिसमें सभी राज्यों के शहरों का सर्वे किया गया था। इसमें देहरादून को भी शामिल किया गया और टॉप लिस्ट में रखा गया। जबकि रिपोर्ट में यह दर्शाया गया कि देहरादून महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है।
कंडवाल ने इस दावे को पूरी तरह खारिज किया और कहा कि यह रिपोर्ट एक निजी संस्था की है, जिसका न तो सरकार से और न ही महिला आयोग से कोई संबंध है। यह सर्वे बहुत छोटे सैंपल पर आधारित है और आधिकारिक डाटा का इस्तेमाल किए बिना तैयार किया गया है।
उन्होंने कहा कि रिपोर्ट केवल 31 शहरों की 12,770 महिलाओं के सर्वे पर आधारित है। इतना छोटा डाटाबेस इस सर्वे की सतही प्रकृति को दर्शाता है।
कंडवाल ने कहा कि सभी विभाग, विशेषकर पुलिस, लगातार महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में जुटे हुए हैं। बेहतर कानून-व्यवस्था की वजह से राज्य में महिलाएं कहीं भी सुरक्षित होकर आ-जा सकती हैं।उन्होंने यह भी बताया कि आयोग ने उस संस्था से सर्वे की मानक प्रक्रिया और पद्धति के बारे में जानकारी मांगी है।
कंडवाल ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया राहटकर से भी फोन पर बात की। राहटकर ने भी स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय महिला आयोग ने ऐसा कोई सर्वे नहीं कराया।
कंडवाल ने कहा कि ऐसे सर्वे राज्य की छवि खराब करते हैं, जबकि सच्चाई यह है कि यहां न केवल पर्यटक आते हैं बल्कि देशभर से छात्र-छात्राएं भी सुरक्षित माहौल में पढ़ाई और रहने आते हैं।
