विश्व स्वास्थ्य दिवस 2025: मानसिक शांति के लिए अपनाएं ये 5 दैनिक आदतें


विश्व स्वास्थ्य दिवस, जो हर साल 7 अप्रैल को मनाया जाता है, हमें यह याद दिलाता है कि स्वास्थ्य केवल शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक शांति से भी जुड़ा है। इसलिए, स्वस्थ जीवनशैली के लिए अपनी दिनचर्या में कुछ सकारात्मक बदलाव लाना ज़रूरी है।
हर साल 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों को सेहत के प्रति जागरूक करना है। आज के समय में, शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी जरूरी है। भागदौड़ भरी जिंदगी, वर्क प्रेशर, सोशल मीडिया की चकाचौंध और अकेलापन अक्सर मन को थका देते हैं। लेकिन, अच्छी बात यह है कि रोजाना की कुछ छोटी-छोटी आदतें हमारी मानसिक शांति को चमत्कारी रूप से सुधार सकती हैं।
ध्यान और योग का सहारा
दिन की शुरुआत जैसी होती है, वैसा ही हमारे पूरे दिन का मूड रहता है। अगर आप दिन की शुरुआत मेडिटेशन या ध्यान से करते हैं, तो दिमाग शांत रहता है और मानसिक स्पष्टता बनी रहती है। रोजाना सिर्फ 10 मिनट ध्यान करने से नकारात्मक विचारों में कमी आती है और चिंता का स्तर घटता है। अगर शुरुआत में ध्यान केंद्रित करना कठिन लगे तो गाइडेड मेडिटेशन, शांत म्यूजिक या सांस पर ध्यान केंद्रित करने का अभ्यास किया जा सकता है। यह आदत धीरे-धीरे मन को स्थिर और शांत बनाती है।
ऐसी हो दिन की शुरुआत
आजकल एक आम आदत बन गई है – सुबह उठते ही मोबाइल चेक करना। WhatsApp, Instagram या ईमेल पर नजर डालते ही दिमाग पर एक सूचना बम फूटता है जो तनाव को बढ़ाता है। यह आदत अनजाने में ही दिन की शुरुआत को तनावपूर्ण बना देती है। इसकी बजाय अगर आप सुबह कुछ मिनटों के लिए शांत वातावरण में बैठें, हल्का संगीत सुनें या टहलने जाएं, तो दिनभर मानसिक रूप से आप ज्यादा स्थिर और खुश रहेंगे।
खुली हवा में टहलें
प्रकृति के साथ जुड़ाव मेंटल हेल्थ के लिए बेहद फायदेमंद होता है। पेड़ों की हरियाली, ताजी हवा और खुले आसमान के नीचे समय बिताने से हमारे शरीर में डोपामाइन और सेरोटोनिन जैसे हार्मोन बढ़ते हैं, जो हमें खुशी और सुकून का एहसास कराते हैं। अगर आपके पास गार्डन नहीं है तो पास के पार्क में सुबह या शाम की वॉक ही काफी है। कुछ मिनटों का यह जुड़ाव भी दिनभर की थकान और चिंता को दूर कर सकता है।
पॉजिटिव माइंडसेट
रात को सोने से पहले ग्रैटिट्यूड यानी कृतज्ञता की भावना को अपनाना मानसिक शांति के लिए बहुत असरदार तरीका है। दिन भर में जो भी छोटी-छोटी अच्छी बातें हुई हों, उन्हें एक डायरी में नोट करना चाहिए। यह अभ्यास हमें सकारात्मक सोचने की आदत डालता है और जीवन की अच्छी बातों पर ध्यान केंद्रित करना सिखाता है। जब हम रोज तीन अच्छी चीजों के लिए आभार जताते हैं, तो धीरे-धीरे हमारा दिमाग भी हर स्थिति में पॉजिटिव पहलू ढूंढना सीख जाता है।
अपनों से बातचीत है जरूरी
अक्सर हम खुद को बहुत अकेला महसूस करते हैं, लेकिन किसी अपने से दिल की बात साझा करने से मन बहुत हल्का हो जाता है। आज की डिजिटल दुनिया में भले ही हम सोशल मीडिया पर जुड़े हों, लेकिन असल में संवाद की कमी है। किसी करीबी दोस्त, परिवार के सदस्य या पार्टनर से अपने दिल की बातें करना मेंटल हेल्थ के लिए संजीवनी जैसा काम करता है। बातचीत करने से तनाव कम होता है, भावनाओं को समझने में मदद मिलती है और रिश्तों में भी मधुरता आती है। अगर ऐसा कोई नहीं हो जिससे आप खुलकर बात कर सकें, तो प्रोफेशनल काउंसलर की मदद लेने में कोई संकोच नहीं होना चाहिए।
खुद से करनी होगी दोस्ती
इसके साथ ही एक और जरूरी बात है जिसे हम अक्सर भूल जाते हैं – खुद से दोस्ती करना। दिन भर की भागदौड़ में हम दूसरों के लिए तो सब कुछ करते हैं लेकिन खुद को समय नहीं देते। दिन में सिर्फ 15 मिनट अपने साथ बिताकर हम खुद को बेहतर समझ सकते हैं। यह समय आप किताब पढ़ने, म्यूजिक सुनने, पेंटिंग, गार्डनिंग या अपनी किसी हॉबी में लगा सकते हैं। खुद से बातें करना, अपनी भावनाओं को समझना और खुद को सराहना – यह सब चीजें आपकी मेंटल हेल्थ को गहराई से मजबूत करती हैं।
