लाल किले ब्लास्ट साइट से 9 एमएम के 3 कारतूस बरामद, दो जिंदा और एक खाली खोखा मिला
नई दिल्ली : लाल किले के बाहर हुए धमाके की जांच में पलिस को एक और अहम सुराग मिला है। जांच टीम ने ब्लास्ट वाली जगह से 9 एमएम कैलिबर के तीन कारतूस बरामद किए हैं, जिनमें दो जिंदा कारतूस और एक खाली खोखा शामिल है। पुलिस का कहना है कि 9 एमएम के कारतूस सामान्य नागरिकों के पास नहीं होते और इनका उपयोग आमतौर पर पुलिस या सुरक्षा बलों द्वारा किया जाता है। हालांकि घटनास्थल से कोई पिस्टल या उससे जुड़ा कोई पार्ट नहीं मिला है, जिससे जांच एजेंसियों के सामने यह नया सवाल खड़ा हो गया है कि कारतूस वहां कैसे पहुंचे। पुलिस ने ब्लास्ट के समय मौके पर मौजूद अपने स्टाफ के हथियारों और कारतूस की गिनती भी करवाई, लेकिन सभी कारतूस पूरे पाए गए। ऐसे में यह संभावना भी जांच के दायरे में है कि कारतूस धमाके में इस्तेमाल हुई i20 कार से गिरे हों या किसी ने उन्हें जानबूझकर मौके पर छोड़ा हो। फॉरेंसिक टीम कारतूसों की तकनीकी जांच कर रही है।
इस बीच जांच एजेंसियों को धमाके में इस्तेमाल कार की लोकेशन को लेकर अल फलाह यूनिवर्सिटी से महत्वपूर्ण जानकारी मिली है। यूनिवर्सिटी से जब्त किए गए सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि संदिग्ध i20 कार 29 अक्टूबर को यूनिवर्सिटी के भीतर दाखिल हुई थी और 30 अक्टूबर दोपहर 2 बजकर 41 मिनट पर यूनिवर्सिटी परिसर से बाहर निकलती दिखाई दी। यह जानकारी इस ओर संकेत करती है कि कार धमाके से पहले कई घंटों तक यूनिवर्सिटी के अंदर मौजूद थी। अब एजेंसियाँ यह पता कर रही हैं कि कार वहां क्यों लाई गई थी, कार के साथ कौन-कौन दिखा और परिसर में वह किन स्थानों पर गई।
10 नवंबर को लाल किले के सामने i20 कार में हुए विस्फोट में 13 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हुए थे। धमाका इतना तेज था कि आसपास खड़ी कई गाड़ियाँ भी चपेट में आ गई थीं। विस्फोट से एक दिन पहले फरीदाबाद में भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किए जाने की घटना के बाद से दोनों मामलों की एक साथ जांच की जा रही है।
जांच एजेंसियाँ कारतूस की बरामदगी, कार की यूनिवर्सिटी में मौजूदगी और विस्फोटक की बरामदगी इन तीनों बिंदुओं को जोड़कर आगे की कार्रवाई कर रही हैं। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस ने अपने सभी यूनिट्स को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।
