सीएम धामी ने ‘उत्तराखंड @25’ पुस्तक का किया लोकार्पण, 25 वर्षों की विकास यात्रा पर केंद्रित संकलन जारी

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देहरादून : उत्तराखंड के गठन के 25 वर्षों के महत्वपूर्ण पड़ाव पर राज्य की विकास गाथा और भविष्य की दिशा को रेखांकित करने वाली पुस्तक ‘उत्तराखंड @25: लुकिंग बैक लुकिंग फारवर्ड’ को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधिवत विमोचन किया। कार्यक्रम में राज्य के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों, शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने भी प्रतिभाग किया।

मुख्यमंत्री धामी ने पुस्तक के विमोचन के दौरान कहा कि यह संकलन न केवल पिछले ढाई दशकों की उपलब्धियों और चुनौतियों का दस्तावेज है, बल्कि आने वाले वर्षों की नीति-निर्माण प्रक्रिया के लिए भी एक दिशा-निर्देश के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड ने सीमित संसाधनों के बावजूद शासन, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क व संचार, पर्यटन, महिला सशक्तिकरण और उद्योग जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है।

उत्तराखंड @25’ में शासन प्रणाली में हुए सुधारों, राज्य की बढ़ती अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और जैव विविधता संरक्षण, पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन की समस्या, आपदा प्रबंधन के नए मॉडल, जल संसाधन और सतत विकास जैसे विषयों पर देश के नामी विशेषज्ञों के शोध और विचार शामिल किए गए हैं। इसमें राज्य के विकास मॉडल की आलोचनात्मक समीक्षा के साथ भविष्य की रणनीतियों पर भी विस्तृत चर्चा की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले वर्षों में समान नागरिक संहिता यूसीसी को लागू कर एक ऐतिहासिक कदम उठाया है, जो महिला सुरक्षा, सामाजिक समानता और न्याय व्यवस्था को सुदृढ़ करेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह पुस्तक नीति-निर्माताओं, शोधकर्ताओं और युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बनेगी।

उन्होंने पुस्तक निर्माण में योगदान देने वाले सभी लेखकों, संपादकों और संस्थानों को धन्यवाद देते हुए कहा कि राज्य की उपलब्धियों को संकलित कर भविष्य के लिए एक मजबूत दृष्टि प्रस्तुत करना एक महत्वपूर्ण कार्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड आने वाले वर्षों में विकसित भारत 2047 की दिशा में एक अग्रणी भूमिका निभाएगा और इस पुस्तक में प्रस्तुत सुझाव इस यात्रा में सहायक सिद्ध होंगे।

कार्यक्रम के अंत में राज्य के विकास के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत परिचर्चा भी आयोजित की गई, जिसमें विशेषज्ञों ने नीतिगत सुधारों, तकनीकी नवाचार और पर्वतीय क्षेत्रों में टिकाऊ विकास मॉडल पर अपने विचार व्यक्त किए।

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