उत्तर प्रदेश के हर मंडल में खुलेगा दिव्यांग पुनर्वास केंद्र, सरकार ने लिया बड़ा फैसला

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने दिव्यांगजनों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रदेश के सभी मंडलों में आधुनिक सुविधाओं से लैस दिव्यांग पुनर्वास केंद्र स्थापित किए जाएंगे। ये केंद्र चिकित्सा, शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण से लेकर सामाजिक सहायता तक की व्यापक सेवाएं प्रदान करेंगे, ताकि दिव्यांगजन आत्मनिर्भर जीवन की ओर बढ़ सकें।

सरकार का कहना है कि इस पहल का उद्देश्य दिव्यांगजनों को एक ऐसी सशक्त प्रणाली देना है, जहां उन्हें एक ही स्थान पर विभिन्न आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हो सकें। इससे दिव्यांगजन न केवल शारीरिक और मानसिक रूप से सशक्त बनेंगे, बल्कि रोजगार और आजीविका के बेहतर अवसर भी प्राप्त कर सकेंगे।

अधिकारियों के अनुसार, इन पुनर्वास केंद्रों में फिजियोथेरेपी, ऑक्यूपेशनल थेरेपी, स्पीच थेरेपी और मनोवैज्ञानिक परामर्श जैसी चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। साथ ही, शिक्षा एवं स्किल डेवलपमेंट से जुड़े विशेष कोर्स भी चलाए जाएंगे, जिनसे दिव्यांग युवक-युवतियों को स्वरोजगार तथा रोजगार दोनों की दिशा में मदद मिलेगी।

प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को इस महत्वाकांक्षी योजना को ज़मीन पर उतारने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। विभाग केंद्रों की स्थापना, संचालन, तकनीकी स्टाफ की नियुक्ति और सेवाओं के मानकीकरण पर काम करेगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रदेश का प्रत्येक दिव्यांगजन सम्मानजनक और आत्मनिर्भर जीवन जी सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि केंद्रों के निर्माण और संचालन में पारदर्शिता और गुणवत्ता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।

सरकार की इस योजना को सामाजिक क्षेत्र में एक बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि राज्य में स्थापित होने वाले ये केंद्र दिव्यांगजनों के पुनर्वास की दिशा में एक मजबूत और प्रभावी ढांचा तैयार करेंगे, जिससे हजारों लाभार्थियों को सीधे लाभ मिलेगा।

यह कदम न केवल सामाजिक समावेशन को बढ़ावा देगा, बल्कि प्रदेश में दिव्यांग कल्याण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को भी मजबूत करेगा।

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