सनातन धर्म रक्षा के लिए साधु-संतों को करना होगा गांव-गांव भ्रमण : रसिक महाराज
ऋषिकेश। उत्तर प्रदेश सनातन धर्म विकास परिषद के नव नियुक्त अध्यक्ष एवं नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज ने कहा है कि वर्तमान समय में सनातन धर्म के प्रति समाज के हर वर्ग को जागरूक होना अनिवार्य हो गया है। इसके लिए साधु-संतों को अब पीठों तक सीमित न रहकर गांव-गांव जाकर जनजागरण अभियान चलाना होगा। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है राष्ट्रीय कानून बने धर्मांतरण, लव जिहाद और सूखे नशे के खिलाफ। साथ ही उत्तराखंड सरकार से आशा व्यक्त की आगामी कुंभ को लेकर दिव्य भव्य व्यवस्था हो जैसा उत्तर प्रदेश सरकार ने किया था। मुनिकीरेती स्थित शत्रुघ्न मंदिर में आयोजित स्वागत कार्यक्रम के दौरान स्वामी रसिक महाराज ने मां गंगा की आरती में सहभागिता की।
स्वामी रसिक महाराज, उत्तर प्रदेश सनातन धर्म विकास परिषद
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि देश में लव जिहाद, धर्मांतरण और नशे की बढ़ती प्रवृत्ति समाज के लिए गंभीर चुनौती बन चुकी है। इन पर अंकुश लगाने के लिए संगठित प्रयास जरूरी हैं।स्वामी रसिक महाराज ने कहा कि सनातन धर्म किसी अन्य धर्म से खतरे में नहीं है, बल्कि खतरा उन तत्वों से है जो भीतर ही भीतर इसकी जड़ों को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे अपनी संस्कृति, धर्म और संस्कारों को समझें तथा धर्मग्रंथों से जुड़ें।
उन्होंने कहा कि सनातन धर्म केवल पूजा-पाठ नहीं, बल्कि जीवन जीने की सही दिशा और सत्य का मार्ग दिखाने वाला दर्शन है। वर्तमान परिस्थितियों में धर्म और संस्कृति कई चुनौतियों से गुजर रही है, ऐसे में संत समाज की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है।
कार्यक्रम के दौरान शत्रुघ्न मंदिर के महंत मनोज प्रपन्नाचार्य, भारत माता मंदिर के महंत महामंडलेश्वर ललितानंद गिरि महाराज, केशव स्वरूप ब्रह्मचारी, गंगा गौ सेवा समिति से जुड़े पदाधिकारी, मुनिकीरेती पालिकाध्यक्ष नीलम बिजल्वाण, सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु बिजल्वाण सहित अनेक संत, साधु और श्रद्धालु उपस्थित रहे।
स्वामी रसिक महाराज ने स्पष्ट किया कि सनातन धर्म विकास परिषद ‘समरसता युक्त भारत निर्माण’ के उद्देश्य से जन-जागरूकता अभियान चलाएगी, ताकि समाज को सही दिशा दी जा सके और आने वाली पीढ़ियों को संस्कारित किया जा सके।
