अप्रैल 2026 से शुरू होगी नई जनगणना, सरकार ने दो चरणों की रूपरेखा की घोषणा की
नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी प्रशासनिक और सांख्यिकीय कवायद जनगणना 2026 अगले साल अप्रैल से शुरू होने जा रही है। केंद्र सरकार ने लोकसभा में जानकारी देते हुए बताया कि जनगणना को दो चरणों में आयोजित किया जाएगा, जिसके लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को तैयारियों के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
सरकार ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण टली यह प्रक्रिया अब तय कार्यक्रम के अनुसार 2026 में शुरू होगी। इसका उद्देश्य देश की जनसंख्या, सामाजिक-आर्थिक स्थिति, आवासीय सुविधाओं और नागरिकों की जीवन-स्तर संबंधी महत्वपूर्ण आंकड़ों को अद्यतन करना है। जनगणना के नतीजे भविष्य की योजनाओं, कल्याणकारी कार्यक्रमों और आर्थिक नीतियों के निर्माण में अहम आधार प्रदान करेंगे।

सरकार के अनुसार जनगणना को दो अलग-अलग चरणों में पूरा किया जाएगा
पहला चरण: हाउस लिस्टिंग और हाउसिंग जनगणना इस चरण में देशभर के घरों, रहने की सुविधाओं और अवसंरचना से जुड़े आंकड़े एकत्र किए जाएंगे।
दूसरा चरण: जनसंख्या गणना इस दौरान प्रत्येक व्यक्ति की विस्तृत जानकारी दर्ज की जाएगी, जिसमें आयु, शिक्षा, पेशा, भाषा, परिवार का आकार और अन्य सामाजिक-आर्थिक विवरण शामिल होंगे।
सरकार ने बताया कि इस बार जनगणना प्रक्रिया में डिजिटल तकनीक का विशेष उपयोग किया जाएगा। गणनाकर्मियों को मोबाइल ऐप और टैबलेट जैसे साधनों से लैस किया जाएगा, जिससे डेटा संग्रहण तेज, सटीक और पारदर्शी हो सके। नागरिकों के लिए सेल्फ-एन्यूमरेशन यानी स्वयं जानकारी दर्ज करने का विकल्प भी उपलब्ध कराया जाएगा।
जनगणना से प्राप्त आंकड़े केंद्र और राज्य सरकारों को स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, आवास, परिवहन और सामाजिक कल्याण जैसी योजनाओं को बेहतर ढंग से तैयार करने में मदद करेंगे। इसके अलावा ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में संसाधनों के वितरण, नई नीतियों के क्रियान्वयन तथा बजट निर्धारण में भी यह डेटा अत्यंत उपयोगी साबित होता है।
सरकार ने कहा कि जनगणना 2026 को सफल बनाने के लिए प्रशासनिक तैयारियां तेज कर दी गई हैं। प्रशिक्षण, तकनीकी परीक्षण और फील्ड वर्क की रूपरेखा जल्द राज्यों के साथ साझा की जाएगी।
