13 दिसंबर को आईएमए में पासिंग आउट परेड, देश-विदेश के कैडेट बनेंगे सैन्य अधिकारी
देहरादून: भारतीय सैन्य अकादमी में आगामी 13 दिसंबर को भव्य पासिंग आउट परेड आयोजित की जाएगी। यह परेड न केवल सैन्य अनुशासन और परंपराओं का अद्वितीय प्रदर्शन होगी, बल्कि उन युवा कैडेटों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण साबित होगी, जो इस दिन अधिकारी बनकर देश-विदेश की विभिन्न सेनाओं में शामिल होंगे।
अकादमी प्रशासन के अनुसार परेड की तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं। मैदानों की सजावट, परेड पथ का रख-रखाव, अभ्यास सत्र और सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर पिछले कई दिनों से गहन तैयारी चल रही है। कैडेटों द्वारा की जा रही ड्रिल और मार्चिंग का विशेष निरीक्षण वरिष्ठ सैन्य अधिकारी स्वयं कर रहे हैं, ताकि परेड के दिन हर कदम अनुशासन, ऊर्जा और गौरव का प्रतीक बन सके।
भारतीय सैन्य अकादमी, जिसकी स्थापना वर्ष 1932 में हुई थी, अब तक 66,000 से अधिक कैडेटों को प्रशिक्षित कर देश को उत्कृष्ट सैन्य अधिकारी प्रदान कर चुकी है। इनमें भारत के साथ-साथ कई मित्र देशों के कैडेट भी शामिल हैं, जो अपने-अपने देश की सेनाओं में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ निभा रहे हैं।

परेड के अवसर पर कई गणमान्य व्यक्तियों, सैन्य अधिकारियों और कैडेटों के परिजनों के शामिल होने की संभावना है। अंतिम पग परेड के दौरान कैडेटों के कदमों की गूंज और ‘अंतिम पग’ की परंपरा इस आयोजन को और भी भावुक और यादगार बनाती है।
परेड के बाद प्रतिष्ठित ‘एंटीम पग’ समारोह का आयोजन होगा, जिसके साथ ही कैडेट अपने सैन्य जीवन की औपचारिक शुरुआत करेंगे। इसके उपरांत ‘पीपिंग सेरेमनी’ में परिवारजन और अधिकारी कैडेटों के कंधों पर सितारे सजाएंगे, जो हर सैन्य परिवार के लिए गर्व सम्मान का क्षण होता है।
अकादमी प्रशासन का मानना है कि इस बार की पासिंग आउट परेड पहले से अधिक भव्य होगी। सुरक्षा कारणों से विशेष व्यवस्थाएँ लागू की जाएंगी, वहीं दर्शकों की सुविधा के लिए भी सभी आवश्यक इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं।
13 दिसंबर का दिन एक बार फिर देहरादून को सैन्य गौरव और अनुशासन की इस अद्वितीय परंपरा का साक्षी बनाएगा, जब युवा कैडेट पूरे देश और विश्व को भारतीय सैन्य अकादमी की अनुशासन, परिश्रम और उत्कृष्टता की मिसाल पेश करेंगे।
