टिहरी झील महोत्सव की तैयारी शुरू, नवंबर में झील किनारे गूंजेगी लोक संस्कृति की धुन

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टिहरी : उत्तराखंड के सबसे चर्चित पर्यटन आयोजनों में से एक टिहरी झील महोत्सव की तैयारियां शुरू हो गई हैं। राज्य पर्यटन विभाग ने आयोजन की रूपरेखा तैयार करते हुए कहा है कि यह महोत्सव नवंबर के पहले सप्ताह में भव्य रूप से मनाया जाएगा। इस बार आयोजन में पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय कारीगरों और लोक कलाकारों को भी विशेष मंच दिया जाएगा।

महोत्सव के दौरान झील किनारे आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में बोटिंग, पैराग्लाइडिंग, कायाकिंग, जेट स्कूटर, पैरासेलिंग जैसे साहसिक खेल पर्यटकों को आकर्षित करेंगे। वहीं शाम को झील के किनारे होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में राज्य के प्रसिद्ध लोक कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे। झोड़ा, छपेली, चांचरी जैसे पारंपरिक नृत्य और पहाड़ी गीतों की गूंज से टिहरी झील का वातावरण संगीत से भर उठेगा।

टिहरी झील महोत्सव का मुख्य उद्देश्य राज्य में एडवेंचर टूरिज्म और इको-टूरिज्म को बढ़ावा देना है। आयोजन स्थल पर स्थानीय उत्पादों और हस्तशिल्प को प्रदर्शित करने के लिए हिमाद्री हाट और फूड ज़ोन भी बनाए जा रहे हैं। यहां पहाड़ी व्यंजनों जैसे झोली-भात, मडवे की रोटी, गहत की दाल और पलंग टोड मिठाई की भी विशेष स्टॉल लगाई जाएगी।

जिला पर्यटन अधिकारी के अनुसार, “इस बार महोत्सव को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमोट किया जा रहा है। ऑनलाइन बुकिंग और होमस्टे नेटवर्क के माध्यम से देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को जोड़ने की योजना है। सुरक्षा के लिए SDRF और पुलिस की टीमें तैनात रहेंगी, जबकि झील क्षेत्र में मेडिकल और बचाव केंद्र भी बनाए जाएंगे।”

स्थानीय व्यापारियों और होटल कारोबारियों ने भी इस आयोजन को लेकर उत्साह जताया है। उनका कहना है कि टिहरी झील महोत्सव न केवल पर्यटन को नई ऊंचाइयों तक ले जाता है, बल्कि स्थानीय लोगों के रोजगार और आय का प्रमुख साधन भी बन चुका है।

पिछले वर्षों की तरह इस बार भी झील के किनारे रंग-बिरंगी लाइटिंग और आतिशबाज़ी से कार्यक्रम का समापन होगा। उम्मीद है कि यह आयोजन इस बार अब तक का सबसे भव्य और यादगार साबित होगा।

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