परमार्थ निकेतन से शुरू होगा जनांदोलन, साधु संतों ने कहा “गंगा बचेगी तो संस्कृति बचेगी”
ऋषिकेश : गंगा की पवित्रता और संरक्षण को लेकर परमार्थ निकेतन आश्रम में एक विशेष बैठक का आयोजन किया गया।बैठक में देश के विभिन्न हिस्सों से आए साधु संतों, पर्यावरणविदों, समाजसेवियों और प्रशासनिक अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक की अध्यक्षता परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने की।इस दौरान गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाए रखने के लिए कई ठोस निर्णय लिए गए।
स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि गंगा केवल एक नदी नहीं, बल्कि भारत की आत्मा, संस्कृति और जीवन की धारा है।उन्होंने कहा कि यदि गंगा बचेगी तो देश का भविष्य सुरक्षित रहेगा। उन्होंने सभी लोगों से अपील की कि वे अपने-अपने स्तर पर गंगा की स्वच्छता के लिए कार्य करें और प्लास्टिक मुक्त जीवनशैली अपनाएं।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि आगामी 2 नवम्बर से ‘स्वच्छ गंगा महाअभियान’ की शुरुआत की जाएगी। इस अभियान के अंतर्गत परमार्थ निकेतन से लेकर विभिन्न घाटों तक सफाई, वृक्षारोपण और जनजागरण कार्यक्रम आयोजित होंगे। आश्रम के साधु-संत, स्वयंसेवी संगठन, विद्यार्थी और स्थानीय लोग इस महाअभियान में भाग लेंगे
साध्वी भगवती सरस्वती ने कहा कि अब समय आ गया है जब हम सबको गंगा के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति यदि अपनी दिनचर्या में छोटे-छोटे बदलाव करे जैसे प्लास्टिक का उपयोग बंद करना, कचरा सही स्थान पर डालना और जल का दुरुपयोग न करना तो गंगा की रक्षा संभव है।
बैठक के अंत में सभी उपस्थित लोगों ने गंगा तट पर सामूहिक गंगा आरती की। गंगा तट पर दीप प्रज्ज्वलित करते हुए सभी ने “स्वच्छ गंगा सुरक्षित गंगा” का सामूहिक संकल्प लिया। इस अवसर पर परमार्थ निकेतन परिसर में स्वच्छता शपथ कार्यक्रम भी आयोजित किया गया।
