प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज करेंगे राज्य के 13 जिलों के नागरिकों से संवाद, विकास यात्रा और भविष्य की योजनाओं पर करेंगे चर्चा।

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देहरादून : उत्तराखंड आज अपनी स्थापना के 25वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है। वर्ष 2000 में उत्तर प्रदेश से अलग होकर गठित यह पर्वतीय राज्य अब अपनी पहचान “देवभूमि से विकसित उत्तराखंड” के रूप में स्थापित कर चुका है। इस अवसर को राज्य सरकार ने “रजत जयंती वर्ष” के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। पूरे राज्य में आज विशेष आयोजन, सांस्कृतिक कार्यक्रम और विकास प्रदर्शनी आयोजित की गईं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में आयोजित मुख्य समारोह में झंडा फहराकर रजत जयंती वर्ष की औपचारिक शुरुआत की। उन्होंने कहा कि “उत्तराखंड की स्थापना आंदोलन के शहीदों के बलिदान की देन है, और आज राज्य उनके सपनों को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।” मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि आने वाला दशक उत्तराखंड के लिए स्वर्णिम होने जा रहा है, जहाँ राज्य समग्र, संतुलित और आत्मनिर्भर विकास की दिशा में अग्रसर होगा।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के 13 जिलों के नागरिकों से संवाद किया। उन्होंने उत्तराखंड के लोगों को रजत जयंती वर्ष की शुभकामनाएँ दीं और कहा कि “उत्तराखंड के विकास की यात्रा देश के लिए प्रेरणास्रोत है। यह राज्य न केवल प्राकृतिक सौंदर्य का प्रतीक है, बल्कि यह हमारी संस्कृति, अध्यात्म और राष्ट्र सेवा की भावना का केन्द्र भी है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा उत्तराखंड में चल रही कई प्रमुख योजनाएँ, जैसे चारधाम ऑल वेदर रोड परियोजना, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेललाइन, केदारनाथ और बद्रीनाथ पुनर्निर्माण परियोजना, आयुष्मान भारत योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना, राज्य के आम लोगों के जीवन को बेहतर बना रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले वर्षों में उत्तराखंड “ग्रीन एनर्जी हब” और “आध्यात्मिक पर्यटन का वैश्विक केंद्र” बनेगा।

मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि रजत जयंती वर्ष के तहत सरकार पूरे वर्ष भर “विकास पर्व” के रूप में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करेगी। इनमें “जनसंवाद अभियान”, “विकास यात्रा प्रदर्शनियाँ”, “युवा प्रेरणा सम्मेलन” और “उत्तराखंड गौरव सम्मान” जैसे आयोजन होंगे। इनका उद्देश्य राज्य के हर नागरिक को विकास की मुख्यधारा से जोड़ना है।

धामी ने कहा कि पिछले ढाई दशकों में उत्तराखंड ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क संपर्क, महिला सशक्तिकरण और पर्यटन के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। पहाड़ों में सड़कों और पुलों का जाल बिछाया गया है, जिससे दुर्गम गाँव अब शहरों से जुड़ रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट और मोबाइल कनेक्टिविटी पहुँचने से युवाओं के लिए नए अवसर खुले हैं।

राज्य सरकार ने “विकसित उत्तराखंड 2047” का लक्ष्य तय किया है। इस योजना के तहत सरकार आने वाले 22 वर्षों में हर जिले को आत्मनिर्भर, रोजगारयुक्त और पर्यावरणीय रूप से संतुलित बनाने का रोडमैप तैयार कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का उत्तराखंड के प्रति विशेष लगाव और केंद्र सरकार का सतत सहयोग राज्य के विकास के लिए वरदान सिद्ध हो रहा है। राज्य के सभी जिलों में आज स्थापना दिवस पर विशेष समारोह आयोजित हुए। देहरादून में जहाँ राजभवन और सचिवालय परिसर रोशनी से जगमगाया, वहीं नैनीताल, पिथौरागढ़, टिहरी, अल्मोड़ा, हरिद्वार और चंपावत जैसे जिलों में भी रंगारंग कार्यक्रम हुए। बच्चों ने झाँकियों, लोकगीतों और नाट्य प्रस्तुतियों के माध्यम से उत्तराखंड के 25 वर्षों की विकास यात्रा को जीवंत किया।

उत्तराखंड आंदोलन से लेकर आज तक का सफर संघर्ष, सेवा और संकल्प की कहानी रहा है। रजत जयंती वर्ष का यह पर्व न केवल बीते वर्षों की उपलब्धियों को याद करने का अवसर है, बल्कि आने वाले भविष्य के लिए नए लक्ष्य निर्धारित करने का भी समय है।

राज्यभर में लोगों ने दीप प्रज्ज्वलन कर उत्तराखंड के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। सामाजिक संगठनों, विद्यालयों, महिला समूहों और युवाओं ने राज्य स्थापना दिवस को जन उत्सव के रूप में मनाया।

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