प्रधानमंत्री ने पुलिस व्यवस्था पर जनता की धारणा बदलने और युवाओं से जुड़ाव बढ़ाने पर जोर दिया

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रायपुर में आयोजित 60वें अखिल भारतीय पुलिस महानिदेशक/महानिरीक्षक सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने देश की आंतरिक सुरक्षा, पुलिस व्यवस्था के आधुनिकीकरण और भविष्य के खतरों से निपटने के लिए व्यापक रणनीति प्रस्तुत की। तीन दिनों तक चले इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े कई अहम मुद्दों पर मंथन हुआ और पुलिस बलों की कार्यप्रणाली को और अधिक आधुनिक, प्रभावी तथा जन-केंद्रित बनाने पर जोर दिया गया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पुलिस को जनता के बीच भरोसे और सकारात्मक छवि को मजबूत करना होगा। उन्होंने युवाओं तक पुलिस की पहुँच बढ़ाने, संवाद और विश्वास-निर्माण कार्यक्रमों के विस्तार, तथा शहरी व पर्यटन पुलिस व्यवस्था को और प्रभावी बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने यह भी कहा कि नए आपराधिक कानूनों को लेकर जागरूकता अभियान तेज किए जाएं ताकि आम नागरिक नए बदलावों से परिचित हो सकें।

सुरक्षा ढांचे को आधुनिक बनाते हुए प्रधानमंत्री ने प्रौद्योगिकी के विस्तारित उपयोग का आह्वान किया। उन्होंने एआई आधारित निगरानी प्रणाली, डेटा-विश्लेषण, ड्रोन और स्मार्ट पुलिसिंग उपकरणों के प्रयोग को तेज करने पर जोर दिया। साथ ही नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड के बेहतर एकीकरण की आवश्यकता बताई, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर खुफिया जानकारी के आदान-प्रदान में तेजी आए।द्वीप सुरक्षा, तटीय पुलिसिंग और फोरेंसिक आधारित जांच में नवाचार को भारत की सुरक्षा रणनीति का अनिवार्य हिस्सा बताते हुए उन्होंने क्षमता निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दिए।

सम्मेलन में राष्ट्रीय सुरक्षा प्राथमिकताओं पर विस्तृत रूप से चर्चा हुई। विजन 2047 के तहत पुलिस व्यवस्था के दीर्घकालिक रोडमैप, आतंकवाद निरोधक रणनीतियों के नए रुझानों, महिला सुरक्षा को मजबूत करने, भगोड़ों का पता लगाने की उन्नत तकनीकों, और फोरेंसिक सुधारों पर विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे।प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पुलिस व्यवस्था का आधुनिक, सक्षम और समयानुकूल होना अनिवार्य है।

देश में बढ़ती जलवायु-जनित आपदाओं को देखते हुए प्रधानमंत्री ने पुलिस और आपदा प्रबंधन एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि चक्रवात, बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपात स्थितियों से निपटने के लिए सरकार समग्र दृष्टिकोण अपना रही है, जिसमें प्रशिक्षण, तकनीक और प्रतिक्रिया-तंत्र में सुधार प्रमुख भाग हैं।

रायपुर में हुआ यह सम्मेलन देश की पुलिस व्यवस्था को भविष्य के लिए तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिसमें प्रौद्योगिकी, नवाचार और जन-सहभागिता को केंद्र में रखा गया है।

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