राममंदिर शिखर सजने को तैयार, प्रधानमंत्री करेंगे 21 नवंबर को ध्वज स्थापना

खबर शेयर करें -

अयोध्या: श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में एक और महत्वपूर्ण अध्याय जुड़ने जा रहा है। मंदिर के मुख्य शिखर पर लगाने के लिए तैयार की गई धर्म ध्वजा अब अयोध्या पहुँच चुकी है। वैदिक परंपराओं के अनुसार निर्मित इस ध्वजा को विशेष पूजा-अनुष्ठानों के बाद 21 नवंबर को प्रधानमंत्री द्वारा मंदिर के शिखर पर फहराया जाएगा। ध्वजा को गुजरात से अयोध्या तक विशेष धार्मिक विधियों और मंत्रोच्चार के साथ लाया गया। यात्रा के दौरान कई स्थानों पर भक्तों ने जय श्रीराम के उद्घोष, पुष्पवर्षा और आरती के साथ ध्वजा का स्वागत किया। धार्मिक मान्यता के अनुसार मंदिर शिखर पर धर्म ध्वजा का आरोहण शुभता, शक्ति और दिव्य संरक्षण का प्रतीक माना जाता है।

ध्वजारोहण कार्यक्रम के लिए मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों को विशेष रूप से सजाया गया है। मंदिर ट्रस्ट और प्रशासन ने संयुक्त रूप से भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा, यातायात और श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए विशेष व्यवस्था की है। शहर के प्रमुख मार्गों पर प्रकाश सज्जा, फूलों की सजावट और आकर्षक स्वागत द्वारा तैयार किए गए हैं। धर्म ध्वजा विशेष पवित्र वस्त्र से तैयार की गई है, जिस पर सूर्यवंश और प्रभु श्रीराम से जुड़े शुभ प्रतीक अंकित हैं। इसे मंदिर के ऊँचे शिखर पर स्थापित करने के लिए विशेष यांत्रिक और पारंपरिक विधि का संयोजन बनाया गया है, जिसमें अनुभवी पुरोहित और तकनीकी टीम शामिल होगी।

राममंदिर ट्रस्ट ने घोषणा की है कि देशभर के प्रमुख मंदिरों में 25 नवंबर को एक साथ धर्म ध्वजाएँ फहराई जाएंगी।यह आयोजन सांस्कृतिक एकता, सनातन परंपरा और रामभक्ति की सामूहिक अभिव्यक्ति को समर्पित होगा। उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत तक, काशी, उज्जैन, द्वारका, तिरुपति, नासिक, हरिद्वार, जयपुर, बेंगलुरु, कांचीपुरम और अन्य प्रमुख मंदिरों ने इस महाअभियान में शामिल होने की पुष्टि की है।धार्मिक संस्थाओं का कहना है कि यह पहल पहली बार पूरी भारतीय देवालय परंपरा को एक सूत्र में जोड़ने का कार्य करेगी।

ध्वजा के आगमन के साथ ही अयोध्या में भक्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है। राम पथ से लेकर हनुमानगढ़ी और सरयू तट तक जगह-जगह भक्तों की भीड़, भजन-कीर्तन और जयघोष देखने को मिल रहा है। स्थानीय बाजारों में धार्मिक सामग्री की बिक्री में तेजी आई है और शहर का वातावरण पूर्ण रूप से उत्सव धर्मी हो गया है। 21 नवंबर को राममंदिर में होने वाला ध्वजारोहण और 25 नवंबर को देशभर के मंदिरों में ध्वजा फहराने का कार्यक्रम दोनों मिलकर सनातन संस्कृति के गौरव, आस्था और एकता का अद्भुत संदेश देने वाले ऐतिहासिक अवसर बनेंगे।

Ad