महिला आयोग ज़ीरो टॉलरेंस मोड में, ऋषिकेश दहेज हत्या केस में तीखी कार्रवाई के निर्देश

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ऋषिकेश: दहेज उत्पीड़न और संदिग्ध परिस्थितियों में हुई एक युवती की मौत के मामले में उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग सख्त हो गया है। आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने पूरे प्रकरण को अत्यंत गंभीर मानते हुए पुलिस अधिकारियों को फौरन कड़ी और प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि महिलाओं के विरुद्ध अत्याचार के मामलों में आयोग की ज़ीरो टॉलरेंस नीति लागू है और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाना सर्वोच्च प्राथमिकता है।

मामला ऋषिकेश निवासी उमेश कुमार की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत से जुड़ा है। शिकायत के अनुसार, उनकी पुत्री सोनी की शादी 2 जुलाई 2023 को सुमित पुत्र विनोद, निवासी जाटव बस्ती रेलवे रोड, ऋषिकेश से हुई थी। आरोप है कि विवाह के बाद से ही सोनी को दहेज की मांग को लेकर पति और ससुराल पक्ष द्वारा लगातार मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी। पीड़ित पिता ने बताया कि अत्याचार बढ़ने पर उन्होंने 30 सितंबर 2023 को स्थानीय थाना पुलिस में तहरीर भी दी थी, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ।

उमेश कुमार के अनुसार, 18 नवंबर 2025 की शाम करीब छह बजे उनकी पुत्री की उसके पति सुमित, सास जसवंती, ससुर विनोद, जेठ अमित, जेठानी रूबी, ननद कामिनी, शिया सहित कई ससुरालजनों ने मिलकर हत्या कर दी। गंभीर आरोप यह भी है कि वारदात के बाद आरोपी मृतका के शव को सरकारी अस्पताल में छोड़कर मौके से फरार हो गए।

घटना की गंभीरता को देखते हुए महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने सीओ ऋषिकेश डॉ. पूर्णिमा गर्ग और एडिशनल एसपी जया बलूनी को तत्काल प्रभाव से गहन जांच शुरू करने के निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि पूरे प्रकरण की जांच अत्यधिक संवेदनशीलता और तत्परता के साथ की जाए तथा किसी भी स्तर पर कोई लापरवाही न बरती जाए। आयोग ने पुलिस से यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि दोषियों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके।

आयोग ने स्पष्ट किया है कि दहेज उत्पीड़न और महिलाओं के विरुद्ध हिंसा के मामलों को लेकर राज्य में कठोर रुख अपनाया जाएगा। ऐसे मामलों को समाज के लिए कलंक बताते हुए आयोग ने कहा कि पीड़िताओं और उनके परिजनों को न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।

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