एम्स ऋषिकेश में सतर्कता जागरूकता सप्ताह आरंभ, अधिकारियों ने लिया पारदर्शिता का संकल्प
ऋषिकेश : केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) के दिशा-निर्देशों के तहत सोमवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), ऋषिकेश में सतर्कता जागरूकता सप्ताह 2025 का शुभारंभ हुआ। “भ्रष्टाचार मुक्त भारत विकसित भारत” की थीम पर आयोजित इस सप्ताह की शुरुआत संस्थान में ईमानदारी की सामूहिक शपथ के साथ की गई।
सप्ताह के पहले दिन एम्स के विभिन्न विभागों में चिकित्सकों, फैकल्टी सदस्यों, वरिष्ठ अधिकारियों व कर्मचारियों ने एक साथ “ईमानदारी की प्रतिज्ञा” दोहराई। सभी ने भ्रष्टाचार जैसी सामाजिक बुराई के विरुद्ध अपने मन, वचन और कर्म से संघर्ष करने का संकल्प लिया। इस दौरान कहा गया कि राष्ट्र की आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक उन्नति तभी संभव है, जब समाज का हर नागरिक नैतिक मूल्यों के प्रति समर्पित रहे और भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करने का प्रयास करे।

सतर्कता जागरूकता सप्ताह का विधिवत शुभारंभ एम्स की कार्यकारी निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) प्रो. (डॉ.) मीनू सिंह की देखरेख में हुआ। सप्ताह 27 अक्तूबर से 2 नवंबर तक मनाया जाएगा। कार्यक्रम के प्रथम दिवस मिनी ऑडिटोरियम में आयोजित सार्वजनिक समारोह में बड़ी संख्या में चिकित्सकों, अधिकारियों और कर्मचारियों ने उपस्थिति दर्ज कराई और सामूहिक रूप से ईमानदारी की शपथ ली।
इस अवसर पर संस्थान की डीन एकेडमिक प्रो. (डॉ.) जया चतुर्वेदी, नेत्र रोग विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) संजीव मित्तल, मुख्य सतर्कता अधिकारी प्रो. (डॉ.) मनीषा नैथानी, प्रो. ब्रिजेंद्र सिंह, प्रो. संदीप पाटिल, प्रो. शालिनी राव, डॉ. अंशुमन दरवारी, डॉ. अनुपमा बहादुर, डॉ. श्रीपर्णा बासु, डॉ. अनीसा आतिफ मिर्जा, डॉ. हरीश चंद्रा, डॉ. नेहा सिंह, डा. पूनम सिंह, डॉ. रूचि दुआ, डॉ. राजलक्ष्मी मूंदड़ा, डॉ. निधि कैले, डॉ. अमित सहरावत, डॉ. महेंद्र सिंह, रजिस्ट्रार राजीव चौधरी, विधि अधिकारी प्रदीप चंद्र पांडेय सहित बड़ी संख्या में संस्थान के कर्मचारी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि सतर्कता जागरूकता सप्ताह केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि यह प्रत्येक नागरिक के लिए आत्ममंथन का अवसर है। यदि हम सभी ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का पालन करें और भ्रष्टाचार के किसी भी रूप को अस्वीकार करें, तो भारत जल्द ही विश्व में एक सशक्त और आदर्श राष्ट्र के रूप में स्थापित होगा।
