गुरु तेग बहादुर का 350वां शहीदी दिवस श्रद्धा व सद्भाव के साथ मनाया गया

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ऋषिकेश: सिख धर्म के नवें गुरु, “हिंद की चादर” गुरु तेग बहादुर साहिब का 350वां शहीदी दिवस ऋषिकेश में श्रद्धा, सद्भाव और धार्मिक आस्था के साथ मनाया गया। सुखमणि साहिब सेवा जत्था की ओर से लक्ष्मण झूला रोड स्थित हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे में विशेष धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया।

कार्यक्रम की शुरुआत गुरुद्वारे में शबद कीर्तन और गुरु वाणी के पाठ से हुई। इस दौरान संगत ने गुरु तेग बहादुर साहिब के बलिदान को स्मरण करते हुए उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। वक्ताओं ने कहा कि गुरु तेग बहादुर साहिब ने धर्म, मानवता और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया, जो आज भी समाज को सत्य, न्याय और सहिष्णुता का संदेश देता है।

सुखमणि साहिब सेवा जत्था के सदस्यों ने कहा कि गुरु तेग बहादुर साहिब का जीवन त्याग, सेवा और सद्भाव का प्रतीक है। उनका शहीदी दिवस केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि समाज में भाईचारे, आपसी सम्मान और मानव मूल्यों को मजबूत करने का अवसर है। कार्यक्रम के दौरान देश और समाज की सुख-शांति के लिए अरदास की गई।

इस अवसर पर गुरुद्वारे में लंगर का भी आयोजन किया गया, जिसमें सभी धर्मों और वर्गों के लोगों ने एक साथ बैठकर प्रसाद ग्रहण किया। आयोजन में बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों की सहभागिता ने गुरु तेग बहादुर साहिब के विचारों की व्यापक स्वीकार्यता को दर्शाया।

कार्यक्रम के समापन पर आयोजकों ने कहा कि आने वाली पीढ़ियों तक गुरु तेग बहादुर साहिब के बलिदान और संदेश को पहुंचाना हम सभी की जिम्मेदारी है, ताकि समाज में सदैव सद्भाव, शांति और मानवता बनी रहे।

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