ऑपरेशन सिंदूर की सफलता ने बदली आतंकवाद रोधी रणनीति की दिशा, राष्ट्रपति मुर्मु ने किया चाणक्य डिफेंस डायलॉग-3 का आगाज़

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नई दिल्ली : भारत की सुरक्षा नीति और आतंकवाद-रोधी रणनीति के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण माना जा रहा ऑपरेशन सिंदूर हाल ही में पूरी तरह सफल घोषित किया गया है। इस ऑपरेशन ने न केवल सुरक्षा बलों की सतर्कता और दक्षता को सिद्ध किया, बल्कि आतंकी नेटवर्कों पर भी गहरा प्रहार किया है। इसी संदर्भ में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज चाणक्य डिफेंस डायलॉग के तीसरे संस्करण का उद्घाटन किया, जहां राष्ट्रीय सुरक्षा, रक्षा प्रौद्योगिकी और आधुनिक युद्ध रणनीतियों पर विशेष चर्चा की गई।

राष्ट्रपति मुर्मु ने अपने संबोधन में कहा कि “भारत अब किसी भी खतरे का जवाब देने में सक्षम है। ऑपरेशन सिंदूर ने साबित किया है कि हमारी सुरक्षा एजेंसियां और आधुनिक तकनीक मिलकर आतंकवाद को जड़ से खत्म करने का सामर्थ्य रखती हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि यह ऑपरेशन अंतर-एजेंसी तालमेल, वास्तविक समय इंटेलिजेंस और अत्याधुनिक तकनीक के सफल उपयोग का उत्कृष्ट उदाहरण है।

चाणक्य डिफेंस डायलॉग 2025 का यह तीसरा संस्करण देश-विदेश के रक्षा विशेषज्ञों, रणनीतिक विश्लेषकों और सैन्य कमांडरों की उपस्थिति में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों, साइबर युद्ध, सीमा सुरक्षा और अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकी पर विचार-विमर्श करना रहा।

राष्ट्रपति ने कहा कि बदलते वैश्विक परिदृश्य में भारत को अपनी रक्षा तैयारी को और भी मजबूत करना होगा। उन्होंने युवा शोधकर्ताओं और स्टार्टअप्स को रक्षा नवाचार में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम में उपस्थित सैन्य अधिकारियों ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उन्नत ड्रोन सिस्टम, सैटेलाइट आधारित निगरानी, और स्पेशल ऑपरेशंस यूनिट की सटीक कार्रवाई एक बड़ी वजह रही। इस अभियान से सीमा क्षेत्रों में शांति बहाल करने और आतंक के मंसूबों को ध्वस्त करने में विशेष मदद मिली।

डायलॉग के अंत में राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की सुरक्षा नीति अब रक्षात्मक नहीं बल्कि निर्णायक और सक्रिय दृष्टिकोण पर आधारित है। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता इसी नए भारत की पहचान है।

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