उत्तराखंड मौसम अपडेट: रातों में बढ़ेगी ठंड, न्यूनतम तापमान में 3 डिग्री तक गिरावट
देहरादून : उत्तराखंड में जलवायु परिवर्तन और मौसम के बदले पैटर्न का असर अब तापमान पर साफ दिखाई देने लगा है। सर्दियों में सामान्य रूप से होने वाली बारिश के न होने से प्रदेश में इस बार सूखी ठंड लोगों को परेशान कर रही है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार आने वाले चार से पांच दिनों में प्रदेशभर के न्यूनतम तापमान में तीन डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की जा सकती है, जिससे विशेषकर रात के समय ठंड का प्रकोप और बढ़ जाएगा।

मौसम विभाग का कहना है कि फिलहाल पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय न होने के कारण इस सप्ताह बारिश के कोई आसार नहीं हैं। दिन के समय चटक धूप खिलने से ठंड का असर कुछ कम महसूस होगा, लेकिन सुबह और रात के समय ठिठुरन बढ़ सकती है। रविवार को देहरादून में सुबह से ही धूप और बादलों की आंख-मिचौली देखने को मिली। कभी तेज तो कभी हल्की धूप निकलने से दिन में सर्दी का एहसास कम रहा।
तापमान की बात करें तो देहरादून में अधिकतम तापमान 23.4 डिग्री और न्यूनतम तापमान 9.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पंतनगर में अधिकतम तापमान 26.0 और न्यूनतम 6.9 डिग्री सेल्सियस रहा। पर्वतीय क्षेत्रों में ठंड का असर अधिक देखने को मिला, जहां मुक्तेश्वर में अधिकतम तापमान 16.9 और न्यूनतम 5.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं नई टिहरी में अधिकतम तापमान 16.4 और न्यूनतम 4.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।
उत्तर प्रदेश सरकार ने शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा देने के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शीतकालीन पर्यटन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से हेली स्कीइंग और हिमालयन कार रैली जैसे साहसिक और आकर्षक आयोजनों को शुरू करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही कुमाऊं मंडल विकास निगम और गढ़वाल मंडल विकास निगम को 20 दिसंबर तक सभी आवश्यक व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।

इसके अलावा राज्य में पर्यटन और सांस्कृतिक गतिविधियों को नई पहचान देने के लिए मुख्यमंत्री ने ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन फेस्टिवल’ की अवधारणा के तहत प्रत्येक जनपद में एक-एक भव्य महोत्सव आयोजित करने की घोषणा की है। साथ ही उत्तराखंड में अंतरराष्ट्रीय स्तर के भव्य महोत्सवों के आयोजन की भी योजना बनाई जा रही है, जिससे प्रदेश को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर और मजबूत पहचान मिल सके।
मौसम के बदलते मिजाज के बीच सरकार की इन पहलों से एक ओर जहां ठंड का असर बढ़ेगा, वहीं दूसरी ओर शीतकालीन पर्यटन और सांस्कृतिक आयोजनों से प्रदेश की अर्थव्यवस्था और पर्यटन को नई गति मिलने की उम्मीद है।
