लोकगीत प्रतियोगिता में एसजीआरआर भानियावाला स्कूल ने मारी बाजी, बच्चों की प्रस्तुति ने जीता सबका दिल
डोईवाला : उत्तराखंड की समृद्ध लोक संस्कृति और पारंपरिक धरोहर को सहेजने के उद्देश्य से आयोजित जिला स्तरीय लोकगीत प्रतियोगिता में एसजीआरआर पब्लिक स्कूल, भानियावाला के विद्यार्थियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए प्रथम स्थान प्राप्त किया। इस प्रतियोगिता में जिलेभर के कई नामी विद्यालयों ने भाग लिया, लेकिन एसजीआरआर भानियावाला के बच्चों ने अपनी उम्दा प्रस्तुति से निर्णायकों और दर्शकों का दिल जीत लिया।
कार्यक्रम का आयोजन सांस्कृतिक समिति और शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था। मंच पर पारंपरिक वाद्य यंत्रों की मधुर धुनों के साथ बच्चों ने गढ़वाली और कुमाऊंनी लोकगीतों की ऐसी झलक पेश की, जिसने सभागार में मौजूद सभी लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। विद्यालय की टीम ने “बेडू पाको बारो मासा” और “फुलदेई छै बलदेई” जैसे गीतों पर अपनी प्रस्तुति दी, जिसमें पारंपरिक वेशभूषा, समूह नृत्य और भावपूर्ण गायन का सुंदर संगम देखने को मिला।
निर्णायकों ने एसजीआरआर भानियावाला के विद्यार्थियों की तालमेल, स्वर की मधुरता और लोकसंस्कृति की प्रामाणिक झलक के लिए भरपूर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इस टीम ने न केवल प्रतियोगिता जीती है, बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक आत्मा को जीवंत करने का कार्य किया है।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ने विजेता टीम को ट्रॉफी, प्रमाणपत्र और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। विद्यालय की प्रधानाचार्या ने बच्चों को बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि विद्यालय के लिए गर्व का क्षण है। उन्होंने कहा कि बच्चों ने मेहनत और लगन से जो प्रदर्शन किया, उसने यह साबित कर दिया कि आज की पीढ़ी भी अपनी लोकसंस्कृति को सहेजने में पूरी तरह सक्षम है।
इस अवसर पर अभिभावक, शिक्षक और छात्र बड़ी संख्या में मौजूद रहे। सभी ने बच्चों के उत्साह और प्रस्तुति की भूरी-भूरी प्रशंसा की। कार्यक्रम का समापन सामूहिक लोकनृत्य और पारंपरिक गीत “जय उत्तराखंड, जय लोकसंस्कृति” के साथ हुआ।
